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रायपुर :- रायपुरवासियों को मिलेगी जाम से निजात : तेलीबांधा चौक पर बनने वाले नए ओवरब्रिज के लिए लोगों को अभी और इंतजार करना होगा। लोक निर्माण विभाग ने पहले दावा किया था कि इस महीने इसका टेंडर जारी कर दिया जाएगा। लेकिन अब आला अफसरों ने यह तय किया है कि तेलीबांधा चौक से बनने वाला ओवरब्रिज मैग्नेटो मॉल के बजाय उसके आगे अग्रसेन चौक तक बनाया जाएगा। इससे वीआईपी रोड की ओर जाने वाली मुख्य और बायपास सड़क का ट्रैफिक प्रेशर कम होगा। पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में परियोजना निर्माण एवं क्रियान्वयन समिति (पीएफआईसी) की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
अब तेलीबांधा ओवरब्रिज के ड्राइंग-डिजाइन में बदलाव कर इसकी लंबाई बढ़ाई जाएगी। राज्य सरकार की ओर से वाय शेप में तेलीबांधा ओवरब्रिज बनाने के लिए 442 करोड़ खर्च करने की मंजूरी मिली थी। इसे 1940 मीटर लंबा और 22 मीटर चौड़ा बनाया जाना था। नए प्लान के अनुसार ओवरब्रिज की लंबाई करीब 2020 मीटर होने के साथ ही खर्चा 442 करोड़ से बढ़कर 550 करोड़ से ज्यादा का हो जाएगा। इस ओवरब्रिज के बनने के बाद हावड़ा और मुंबई की तरफ जाने वाले वाहनों को तेलीबांधा, वीआईपी चौक और अग्रसेन चौक के सिग्नल पर रुकना नहीं पड़ेगा। एक्सप्रेस-वे और वीआईपी रोड को जोड़ने के लिए पीडब्ल्यूडी 135 करोड़ की लागत से एलिवेटेड कॉरिडोर बनाएगा। यह कॉरीडोर 135 करोड़ की लागत से एक्सप्रेस-वे से टेमरी चौक तक बनेगा। एलिवेटेड कॉरिडोर फोर लेन होगा। इसकी लंबाई 2 किलोमीटर होगी। एलिवेटेड कॉरिडोर के बनने से लोगों को तेलीबांधा, वीआईपी चौक पर सिग्नल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
सुबह-शाम जाम से लोग हो रहे हैं परेशान, शंकरनगर चौक से लोधीपारा चौक तक . सुबह-शाम अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। लोग इन सड़कों पर हर घंटे जाम में फंसते हैं। जाम की वजह से चौक पर कई तरह के हादसों की संभावना भी बनीं रहती है। एयरपोर्ट और नवा रायपुर के लिए वीआईपी गाड़ियों का मूवमेंट सबसे ज्यादा रहता है। पीक आवर में शाम 4 से 6 बजे तक वाहनों का दबाव सबसे ज्यादा रहता है। पीडब्ल्यूडी ने करीब तीन साल पहले ओवरब्रिज बनाने के लिए शासन को पत्र लिखा था, लेकिन उस समय इस योजना को मंजूरी नहीं दी गई थी। विभाग ने इस साल भी यही प्रस्ताव फिर बनाकर भेजा। इस साल शासन ने ओवरब्रिज बनाने के लिए अनुमति दे दी । दुर्ग में बने ओवरब्रिज की तर्ज पर इसे सिक्सलेन बनाया जाएगा। इसमें तीन लेन आने और तीन लेन जाने के लिए होंगे। दुर्ग, भिलाई और राजनांदगांव की तरफ जाने वाले तथा हावड़ा की तरफ से आने वाले वाहन सीधे निकल जाएंगे। वहीं शहर में आने वाली गाड़ियां ब्रिज के ऊपर से सीधे तेलीबांधा थाने के सामने उतरेंगी। 50 करोड़ के ऊपर के होने वाले निर्माणों के लिए परियोजना निर्माण एवं क्रियान्वयन समिति (पीएफआईसी) की अनुमति अनिवार्य है। समिति में चीफ सेक्रेटरी और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी रहते हैं। इस समिति में अनुम ति मिलने के बाद प्रोजेक्ट वित्त विभाग भेजा जाता है। इसके बाद ही योजना के लिए फंड की मंजूरी मिलती है।