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रायपुर :- टमाटर के बाद अब प्याज की कीमत आसमान छूने जा रही है। दिनों दिन प्याज की कीमत बढ़ते जा रही है। इसके संकेत भी मिलने शुरू हो गये हैं। मध्यमवर्गीय परिवार के कीचन से बाहर होते जा रही है। आम आदमी को महंगाई से कोई राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस, टमाटर के बाद अब प्याज ने रुलाने शुरू कर दिये हैं। महंगाई से आम आदमी लड़ाई में एक कदम पीछे ही रह जा रहा है। आम आदमी दिन के साथ-साथ रात भी लगा दे रहा है। फिर भी महंगाई पर काबू नहीं पा रहा है। आपको बता दें कि बारिश के शुरुआत होते ही टमाटर के दाम आसमान छूने लगे थे। जो अब जमीन के बल रेंगने को मजबूर हो रहा है। वहीं प्याज की बात करें। तो मई माह में प्याज की नई फसल आयी है। मात्र तीन महीने में ही प्याज की साल्टेज होने की खबर चिंतनीय है। साथ इस समस्या पर सोचने के लिए विवश कर रहा है। वैसे तो हर प्रकार की फसल सालभर लिये जाते हैं। लेकिन बहुतायत में किसान फरवरी में प्याज की फसल लगाते हैं। अप्रैल-मई तक बाजार में पहुंच जाती है। प्याज की नई फसल को बाजार में आये मात्र 2-3 माह का समय हुआ है। इतने ही समय में सालभर पूर्ति होने वाला प्याज बाजार से कहां गायब हो गया। यह गंभीर मामला है। कालाबाजारियों व मुनाफोरों को संरक्षण देने वाले शासन-प्रशासन के कानों में अभी तक जू तक नहीं रेंगा। इन मुनाफाखोंरों का संरक्षण देने वालो को आम आदमी की पीड़ा से कोई लेना देना नहीं है। जैसे-जैसे आम आदमी की पीड़ा सर से बाहर होने लगेगी। तो थोड़ा राहत देने का ढ़ोंग करते हुये कम अवश्य करें।