
राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले दिनों हुई बारिश और इसके कारण उपजी बाढ़ की स्थिति ने राष्ट्रीय राजधानी में मच्छर जनित रोगों का जोखिम काफी बढ़ा दिया है। डॉक्टर कहते हैं, अस्पतालों में डेंगू के रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है। आलम ये है कि इस साल डेंगू ने पांच सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले हफ्ते जारी रिपोर्ट में अधिकारियों ने बताया कि 22 जुलाई तक दिल्ली में डेंगू के 187 मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जो साल 2018 के बाद से सबसे अधिक है। डेंगू की सैंपल टेस्टिंग में रोगियों में गंभीर प्रकार के टाइप-2 डेंगू के मामले सबसे अधिक देखे जा रहे हैं। दिल्ली में डेंगू के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को स्कूलों और आम लोगों के बीच डेंगू के जोखिमों को कम करने के लिए व्यापक अभियान चलाने का निर्देश दिया है ताकि वायरस के प्रसार पर रोक लगाई जा सके। बाढ़ की स्थिति ने मच्छरों को बढ़ने के लिए अनुकूल माहौल दे दिया है, जिसके कारण आगामी दिनों में और अधिक मामले रिपोर्ट होने की आशंका है।
दिल्ली में डेंगू को लेकर अलर्ट :-
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, डेंगू के जोखिमों को देखते हुए अस्पतालों को तैयार किया जा रहा है। इस संबंध में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) आयुक्त से भी चर्चा की गई है जिससे सभी रोगियों को समय रहते उचित इलाज प्राप्त हो सके। सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में ज्यादातर रोगियों में डेंगू के गंभीर स्ट्रेन टाइप-2 की पुष्टि की जा रही है जिसके कारण रक्तस्रावी बुखार होने का जोखिम अधिक हो सकता है।
डेंगू के गंभीर रोग का खतरा :-
डेंगू का संक्रमण, डेंगू वायरस (DENV) के कारण होता है, जो संक्रमित मच्छरों, मुख्यरूप से एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। ये मच्छर दिन के समय में अधिक काटते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू वायरस के चार सीरोटाइप हैं – DENV-1, DENV-2, DENV-3 और DENV-4। दिल्ली सरकार ने बताया कि 20 पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर पता चला कि इनमें से 19 में स्ट्रेन टाइप-2 है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि DENV-2 के कारण रोग के गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक हो सकता है।