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चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग शुक्रवार यानि 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से हुई. इस दौरान श्रीहरिकोटा सेंटर में इसरो के वैज्ञानिक के रूप में गया के खरखुरा के रहने वाले सुधांशु कुमार भी शामिल हुए. चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग के बाद वैज्ञानिक सुधांशु कुमार ने बताया कि चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग के दौरान उके जीवन के लिए यह यादगार पल बना रहेगा. चंद्रयान के लॉन्चिंग के दिन इनके माता पिता और बहन घर मे ही टीवी पर देखकर काफी उत्साहित थे.अपने बेटे को देखकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे | बता दें कि इसरो के वैज्ञानिक सुधांशु कुमार की प्रारंभिक शिक्षा खरखुरा मोहल्ला में ही एक साधारण निजी स्कूल में हुई. इसके बाद अशोक स्कूल से हाई स्कूल की परीक्षा पास की और आगे बीटेक की पढ़ाई हरियाणा से हुई. बीटेक के बाद 2021 में इनका चयन इसरो के लिए हुआ जो आज वैज्ञानिक बन अपने माता पिता के साथ देश का नाम रोशन कर रहे हैं | सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद किसान परिवार से हैं. घर में ही आटा चक्की चलाते हैं, जबकि उनकी मां गृहणी है. पिता महेंद्र प्रसाद ने कहा, ‘मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरा बेटा चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग में हिस्सा लिया है. हम यही कामना करते है की चंद्रयान तृतीय का सफल लैंडिंग हो और मेरा बेटा इसी तरह अपने देश का नाम रोशन करते रहें’ |
वैज्ञानिक सुधांशु ने बताया कि 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान 2 लॉन्च किया गया था. इसका ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है, लेकिन लॉन्चर चंद्रमा की सतह पर क्रैश लैंडिंग होने के कारण चंद्रयान द्वितीय फेल्योर हो गया था, लेकिन इस बार पूरी उम्मीद है 23 से 24 अगस्त तक चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करेगा. इन्होंने बताया चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग के दौरान इसका हिस्सा रहना मेरे जीवन के लिए एक यादगार पल रहेगा. श्रीहरिकोटा लॉन्च व्हीकल प्रोवाइड करता है और उसी लॉन्च व्हीकल टीम का हम लोग हिस्सा है | चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग शुक्रवार यानि 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से हुई. इस दौरान श्रीहरिकोटा सेंटर में इसरो के वैज्ञानिक के रूप में गया के खरखुरा के रहने वाले सुधांशु कुमार भी शामिल हुए. चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग के बाद वैज्ञानिक सुधांशु कुमार ने बताया कि चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग के दौरान उके जीवन के लिए यह यादगार पल बना रहेगा. चंद्रयान के लॉन्चिंग के दिन इनके माता पिता और बहन घर मे ही टीवी पर देखकर काफी उत्साहित थे.अपने बेटे को देखकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे थे |
बता दें कि इसरो के वैज्ञानिक सुधांशु कुमार की प्रारंभिक शिक्षा खरखुरा मोहल्ला में ही एक साधारण निजी स्कूल में हुई. इसके बाद अशोक स्कूल से हाई स्कूल की परीक्षा पास की और आगे बीटेक की पढ़ाई हरियाणा से हुई. बीटेक के बाद 2021 में इनका चयन इसरो के लिए हुआ जो आज वैज्ञानिक बन अपने माता पिता के साथ देश का नाम रोशन कर रहे हैं |सुधांशु के पिता महेंद्र प्रसाद किसान परिवार से हैं. घर में ही आटा चक्की चलाते हैं, जबकि उनकी मां गृहणी है. पिता महेंद्र प्रसाद ने कहा, ‘मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरा बेटा चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग में हिस्सा लिया है. हम यही कामना करते है की चंद्रयान तृतीय का सफल लैंडिंग हो और मेरा बेटा इसी तरह अपने देश का नाम रोशन करते रहें’ | वैज्ञानिक सुधांशु ने बताया कि 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान 2 लॉन्च किया गया था. इसका ऑर्बिटर अभी भी काम कर रहा है, लेकिन लॉन्चर चंद्रमा की सतह पर क्रैश लैंडिंग होने के कारण चंद्रयान द्वितीय फेल्योर हो गया था, लेकिन इस बार पूरी उम्मीद है 23 से 24 अगस्त तक चंद्रयान 3 चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करेगा. इन्होंने बताया चंद्रयान 3 के लॉन्चिंग के दौरान इसका हिस्सा रहना मेरे जीवन के लिए एक यादगार पल रहेगा. श्रीहरिकोटा लॉन्च व्हीकल प्रोवाइड करता है और उसी लॉन्च व्हीकल टीम का हम लोग हिस्सा है |