
बिलासपुर :- फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेचकर रिटायर्ड सहायक आयुक्त से 1 करोड़ 75 लाख रुपये की ठगी करने वाले जमीन दलाल विकास मांझी की जमानत याचिका अदालत ने खारिज कर दी है। वहीं, पुलिस 11 दिन बीतने के बावजूद पटवारी सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है। उसलापुर अल्का एवेन्यू निवासी सेवानिवृत्त आदिवासी विभाग सहायक आयुक्त अमरचंद बर्मन से सिंधी कॉलोनी निवासी राजकुमार उर्फ राजू बजाज, नेहरू नगर गीतांजलि विहार निवासी विकास मांझी और राजेश पांडेय ने पटवारी सुरेश सिंह ठाकुर की मिलीभगत से रिंग रोड-2 स्थित एक जमीन का फर्जी दस्तावेज दिखाकर 1.75 करोड़ रुपये ठग लिए।
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जमीन दलाल विकास मांझी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपी ने जमानत के लिए जिला न्यायालय में याचिका दायर की, लेकिन अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका खारिज कर दी। मामले में पटवारी सुरेश सिंह ठाकुर सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि वह लगातार उनके ठिकानों पर दबिश दे रही है, लेकिन वे अब तक पकड़ से बाहर हैं।
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