
दुर्ग:- बीते दिनों दुर्ग जिले के कचांदुर गांव में खेत में एक खतरनाक विषैला सांप मिला. लोग इसे पायथन समझने लगे. कुछ देर बाद स्नेक कैचर राजेश महादेव को बुलाया गया. उन्होंने बड़ी ही सावधानी से सांप को पकड़ा. फिर उसे जंगल में छोड़ने ले गए. अजगर जैसे दिखने वाले इस सांप को रसेल वाइपर सांप के नाम से जाना जाता है. जो बहुत ही जहरीला होता है. इसके काटने से कुछ ही देर में इंसान की मौत हो जाती है.
स्नेक कैचर राजेश महादेव ने बताया कि रसेल वाइपर एशिया का बहुत ही जहरीला सांप है. इसके काटने के बाद 15 से 20 मिनट में मौत हो जाती है. ये दिखने में अजगर जैसा होता है लेकिन ये काफी विषैला होता है. कभी भी जब रसेल वाइपर से सामना हो तो इसें छेड़ने की कोशिश ना करें और उससे दूर रहे. तुरंत स्नेक कैचर या वन विभाग को इसकी जानकारी दें.
कहां पाए जाते हैं :- रसेल वाइपर भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और दक्षिण पूर्व एशिया में भी बड़ी संख्या में मौजूद है. छत्तीसगढ़ में पहले रसेल वाइपर नहीं होते थे. लेकिन प्रजनन के बाद अब कई इलाकों में रसेल वाइपर मिल रहे हैं.
रसेल वाइपर का निवास :- रसेल वाइपर खेत और धान कटाई वाले जगहों पर पाए जाते हैं. सूखे खेतों, घास के मैदानों और झाड़ियों में देखा जाता है.
रसेल वाइपर की पहचान :- रसेल वाइपर की पहचान विशेष भूरे रंग की त्वचा और गहरे भूरे धब्बों से की जा सकती है.
दुर्ग जिले में कहां सबसे ज्यादा :- रसेल वाइपर दुर्ग जिले के अहिवारा में सबसे ज्यादा है.
हेमोटॉक्सिक होता है इसका जहर :- रसेल वाइपर का जहर हेमोटॉक्सिक होता है. यानी यह खून को गाढ़ा कर देता है और शरीर के ऊतकों को नष्ट कर देता है.
रसेल वाइपर काटने के बाद स्थिति :- रसेल वाइपर काटने से व्यक्ति को गंभीर दर्द, सूजन, रक्तस्राव और अंग विफलता का सामना करना पड़ता है. तेजी से रक्तस्राव होने लगता है. रक्तचाप बहुत कम हो जाता है. किडनी फेलियर होने की संभावना बढ़ जाती है.
रसेल वाइपर कितना खतरनाक :- रसेल वाइपर काटने के बाद समय पर इलाज न मिले, तो कुछ ही देर में व्यक्ति की मौत हो जाती है. इस सांप के काटने के बाद तुरंत जिला अस्पताल पहुंचे. वहां एंटी वेनम उपलब्ध रहता है. तुरंत इसे लगवाएं.
बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में 5 मार्च को प्रदेश में सांप काटने की घटना से होने वाली मौतों पर चर्चा हुई. इस दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि जशपुर में 2022, 23, 24 में तीन साल में सर्पदंश से 96 मौतें हुई. जबकि बिलासपुर में इन तीन सालों में सर्पदंश से 431 मौतें हुई है. विधायकों ने अस्पतालों में एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होने की बात भी सदन में की. साथ ही ये भी बताया कि सिर्फ जिला अस्पताल में एंटी वेनम होने की वजह से सांप काटने के बाद पहुंचने में देरी के कारण मौत हो जाती है. विधायकों ने हर अस्पताल में एंटी वेनम उपलब्ध कराने की मांग की.
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