
मध्यप्रदेश :- राज्य सरकार किसानों के लिए नित नई घोषणाएं कर रही है। सीएम मोहन यादव ने लाखों किसानों को सोलर पंप देने का ऐलान किया है, बिजली कनेक्शन लेने का खर्च भी नाममात्र का कर दिया है। इससे पहले राज्य सरकार प्रदेश के किसानों को गेहूं के समर्थन मूल्य पर बोनस देने की घोषणा कर चुकी है। इतना ही नहीं, पिछले साल की धान के लिए भी अतिरिक्त राशि देने का ऐलान किया गया है। सरकार का कहना है कि करोड़ों की इस राशि से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी जिससे वे कर्ज मुक्त भी हो सकेंगे। यही वजह है कि राज्य सरकार, किसानों के बैंक खातों में ही यह राशि डालेगी।
सीएम डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यूं तो अनेक प्रस्तावों को मंजूरी दी गई पर इनमें किसानों से संबंधित मसले बेहद अहम हैं। केबिनेट में पास प्रस्तावों के अनुसार राज्य सरकार किसानों पर 2018 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
मंत्रिमंडल ने साल 2025-26 की समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में किसानों को 175 रुपए बोनस के रूप में देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री मोहन यादव इसकी घोषणा पहले ही कर चुके थे जिसपर केबिनेट ने मुहर लगा दी।
केंद्र ने गेहूं की एमएसपी 2425 रुपए तय की है जबकि प्रदेश में 175 रुपए बोनस मिलाने के बाद किसानों से गेहूं 2600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा जाएगा। केंद्र सरकार ने इस साल प्रदेश के लिए 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का कोटा निर्धारित किया है। इस तरह प्रदेश के किसानों को 1400 करोड़ रुपए बोनस के रूप में मिलेंगे।
इसके साथ ही केबिनेट ने धान के बोनस के लिए भी 480 करोड़ रुपए मंजूर किए। 2024 में धान उगाने वाले किसानों को 4 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बोनस दिया जाएगा। तब 12.20 लाख हेक्टेयर में 6.70 लाख किसानों ने धान का उत्पादन किया था।
खास बात यह है कि गेहूं और धान के बोनस की रकम सीधे किसानों के बैंक खातों में डाली जाएगी। इस तरह पूरे 1880 करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि के रूप में किसानों को दिए जाएंगे। इससे किसानों का कर्ज छंटेगा। बोनस की राशि से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। बोनस के अलावा केबिनेट ने एक और प्रस्ताव मंजूर किया जिसके अंतर्गत राज्य सरकार 138.41 करोड़ खर्च कर किसानों के दस्तावेज डिजिटल सुरक्षित कराएगी।
इस बीच 15 मार्च से शुरू होने वाली गेहूं खरीदी के संबंध में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी तक 5 लाख 17 हजार 632 किसानों ने पंजीयन करा लिया है। किसान 31 मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं। गेहूं की खरीदी उपार्जन केन्द्रों में 15 मार्च से 5 मई तक होगी।
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