
नई दिल्ली :- अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से कई लोग दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं. पिछले कुछ समय से हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी चिंता का विषय बनी हुई है. एक समय था जब बुजुर्गों में हार्ट अटैक की समस्या आम थी, लेकिन आज युवा और बच्चे भी हार्ट अटैक की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं. हार्ट अटैक आने से कुछ महीने पहले ही हमारे शरीर में इसके लक्षण दिखने लगते हैं. समय रहते पता लगने से मरीज की जान बच सकती है. 30 दिन से पहले हार्ट अटैक के क्या लक्षण दिखते हैं, विशेषज्ञों के अनुसार आइए इस खबर में जानते हैं … Centers for Disease Control and Prevention (.gov) के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने से पहले दिखने लगते है यह लक्षण..
सीने में दर्द, कंधे और जबड़े में दर्द :-
हार्ट अटैक से पहले मरीज को सीने में दर्द महसूस हो सकता है. इस स्थिति में मरीज को सीने के आसपास दबाव और भारीपन महसूस हो सकता है. कई बार हाथ, कंधे और जबड़े में भी दर्द हो सकता है. अगर आपको सीने, कंधे या जबड़े में दर्द हो रहा है तो इस लक्षण को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
थकान और कमजोरी :-
हार्ट अटैक आने से पहले शरीर में थकान और कमजोरी महसूस होती है. अगर आपको बिना कोई काम किए हमेशा थकान और कमजोरी महसूस होती है तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इसके बजाय आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
चक्कर आना, बेहोशी जैसा महसूस होना :-
हार्ट अटैक आने से 30 दिन पहले मरीज को बार-बार चक्कर आते हैं. कई बार तो उसे बेहोशी जैसा भी महसूस होता है. इस दौरान सांस लेने में दिक्कत, सिर में दर्द और रक्त प्रवाह कम होने लगता है. ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
सांस लेने में दिक्क्त :-
हार्ट अटैक आने से पहले व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है. अगर आपको हल्का व्यायाम करने के बाद भी बहुत थकान या सांस फूलने लगे तो यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है. अगर आपको अपने शरीर में ऐसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और इलाज करवाएं. उनके द्वारा बताई गई दवाइयां लें और खान-पान का ध्यान रखें.
क्या कहता है अध्ययन :-
वर्तमान समय में अचानक ही दिल के दौरे के मामलों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. बड़ी संख्या में युवा भारतीयों में दिल का दौरा, कार्डियक अरेस्ट और अन्य हार्ट डिजीज चिंता का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है. कम उम्र के करीब 75 फीसदी आबादी को दिल का दौरा पड़ने का खतरा है. वास्तव में दिल का दौरा एक घातक चिकित्सा स्थिति है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 17.9 मिलियन लोगों की मृत्यु हृदय रोगों की वजह से होती है.
अध्ययन बताते हैं कि हर पांच में से 4 मौतें दिल के दौरे के कारण होती हैं, चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि दिल के दौरे हृदय की रक्त वाहिकाओं में ब्लड सर्कुलेशन में बाधा, रक्त वाहिकाओं में रुकावट, हृदय को ठीक से रक्त की आपूर्ति न हो पाना आदि के कारण होते हैं.
वर्तमान समय में अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण और अन्य कारणों के चलते हृदय की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना अब आम बात हो गई है.
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