
मुंबई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और ब्याज दरों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से तंत्र में नकदी का प्रवाह बढ़ाने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूतियों को ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) के तहत खरीदने की घोषणा की।
आरबीआई ने गुरुवार को बताया कि यह नीलामी 12 मार्च 2025 को आयोजित की जाएगी, जिसकी जानकारी 05 मार्च 2025 को दी गई थी। इस नीलामी में रिजर्व बैंक बहु-मूल्य पद्धति का उपयोग करेगा, जिसके तहत अलग-अलग प्रतिभूतियों के लिए अलग-अलग बोलियां ली जाएंगी और उनके आधार पर कीमत तय की जाएगी। इससे बाजार में पारदर्शिता बनी रहेगी और प्रतिभागियों को उचित मूल्य पर सरकारी प्रतिभूतियां खरीदने का अवसर मिलेगा।
रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसके पास व्यक्तिगत प्रतिभूतियों की खरीद की मात्रा तय करने, कुल 50 हजार करोड़ रुपये से कम राशि की बोलियों को स्वीकार करने, पूर्णांकन के कारण थोड़ा अधिक या कम खरीदने और बिना कोई कारण बताए किसी भी बोली को आंशिक या पूर्ण रूप से अस्वीकार करने का अधिकार रहेगा।
नीलामी में भाग लेने के लिए पात्र प्रतिभागियों को 12 मार्च 2025 को सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे तक आरबीआई की कोर बैंकिंग समाधान ई-कुबेर प्रणाली पर इलेक्ट्रॉनिक रूप में बोलियां प्रस्तुत करनी होंगी। यदि तकनीकी कारणों से यह प्रणाली काम नहीं करती है तो आरबीआई द्वारा निर्धारित फॉर्म में भौतिक बोलियां भी स्वीकार की जाएंगी, जो सुबह 11:30 बजे से पहले वित्तीय बाजार परिचालन विभाग को जमा करनी होंगी।
नीलामी के परिणामों की घोषणा उसी दिन यानी 12 मार्च को की जाएगी और सफल प्रतिभागियों को 13 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजे तक अपने एसजीएल खाते में प्रतिभूतियों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
आरबीआई की इस ओएमओ खरीद से बाजार में नकदी प्रवाह बढ़ेगा, जिससे आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और ब्याज दरों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। यह कदम विशेष रूप से बैंकों, वित्तीय संस्थानों और निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है क्योंकि वे सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करके अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित बना सकते हैं।