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महाकुंभ नगर. महाकुंभ में मोक्ष की कामना से पवित्र स्नान का दौर जारी है। अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के पूर्व संध्या पर मंगलवार को भोर से ही संगम तट पर आस्था का जनसैलाब हिलोंरे मार रहा है और सुबह दस बजे तक 50 लाख से अधिक श्रद्धालु डुबकी लगा चुके थे।
इस महा आयोजन का समापन बुधवार शाम महाशिवरात्रि के साथ हो जायेगा। 45 दिनो तक चले महाकुंभ में अब तक 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य स्नान कर चुके हैं। इनमें शंकराचार्य, महामंडलेश्वर,साधु संतों के अलावा राजनीति,उद्योग,खेल,संस्कृति और फिल्म जगत से जुड़ी दिग्गज हस्तियां भी शामिल रहीं। सनातन संस्कृति से अभिभूत बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालुओं ने भी इस समागम में हिस्सा लिया।
मेला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह दस बजे तक 50 लाख 76 हजार से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके थे जिन्हे मिला कर स्नान करने वालों की संख्या 64 करोड़ के आंकड़े का पार कर गयी है।
इस बीच महाशिवरात्रि स्नान पर्व के लिए मेला क्षेत्र और प्रयागराज शहर में नो-व्हीकल जोन प्लान लागू कर दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं को स्नान और दर्शन का अवसर निर्बाध रूप से मिल सके।
मेला पुलिस के अनुसार 25 फरवरी को मेला क्षेत्र को अपराह्न 4:00 बजे से नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है, जबकि प्रयागराज कमिश्नरेट को सायंकाल 6:00 बजे से नो-व्हीकल जोन बनाया जाएगा। सभी नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे इस व्यवस्था का सम्मान करते हुए पूरा सहयोग करें।भीड़ प्रबंधन को सुचारु रखने के लिए सभी श्रद्धालुओं से निवेदन किया गया है कि वे अपने प्रवेश के सबसे निकटस्थ घाट पर ही स्नान करें, ताकि सभी को सुगमता और सुरक्षा मिल सके।
दक्षिणी झूसी से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार ऐरावत घाट पर स्नान कर सकेंगे वहीं उत्तरी झूसी से आने वाले श्रद्धालु संगम हरिश्चंद्र घाट और संगम ओल्ड जीटी घाट पर स्नान करेंगे। परेड से आने वाले श्रद्धालुर भरद्वाज घाट, नागवासुकि घाट, मोरी घाट,काली घाट,रामघाट और हनुमान घाट पर स्नान कर सकेंगे वहीं अरैल से आने वाले श्रद्धालु अरैल घाट पर स्नान करेंगे।
जिला प्रशासन के अनुसार दूध, सब्जी, दवाइयां, पेट्रोल/डीजल, एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सामग्रियों की गाड़ियों और सरकारी कर्मचारियों (डॉक्टर, पुलिस, प्रशासन) के वाहनों पर कोई रोक-टोक नहीं होगी। ये सभी अपने कार्य निर्बाध रूप से कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे शीघ्रता से निकटस्थ घाट पर स्नान और शिवालय में दर्शन कर अपने गंतव्य को प्रस्थान करें। दिशा निर्देशों में ये भी बताया गया है कि सभी पाण्टून पुलों का संचालन भीड़ के दबाव के अनुसार किया जाएगा। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि सभी घाटों को संगम के समान मान्यता प्राप्त है, इसलिए श्रद्धालु निकटस्थ घाट पर स्नान कर यातायात और भीड़ प्रबंधन में सहयोग करें।