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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किसानों से आगामी खरीफ सीजन में खेती-किसानी में जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की अपील करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गौठनों में जैविक खाद और जैविक कीटनाशक महिला समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे हैं। गौठनों में ये उत्पाद भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। इनके उपयोग से जमीन की उर्वरता बढ़ेगी और खेती की लागत भी कम होगी।
मुख्यमंत्री आज अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि के ऑनलाइन अंतरण के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस की प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आने वाले मानसून में ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करें और अपने गांव, गौठान, खेतों और जंगलों को खूब हरा-भरा बनाएं। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह, नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के नोडल अधिकारी डॉ अयाज तंबोली, संचालक कृषि श्रीमती रानू साहू भी कार्यक्रम में उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन योजना के हितग्राहियों के खाते में ऑनलाईन 21.31 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की। इस राशि में 16 मई से 31 मई तक गौठानों में क्रय किए गए गोबर के एवज में ग्रामीण पशुपालकों 4.91 करोड़ रूपए तथा गौठान समितियों को 8.98 करोड़ एवं स्व-सहायता समूहों को 6.29 करोड़ रूपए की लाभांश राशि तथा गौठान समितियों ने अध्यक्षों और सदस्यों के मानदेय की 1.13 करोड़ रुपए की राशि शामिल है।
गौरतलब है कि गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को आज वितरित की गई राशि को मिलाकर अब तक हितग्राहियों को 538 करोड़ 89 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इसमें से योजना के प्रारंभ होने के बाद से अब तक गोबर विक्रेताओं को 237.28 करोड़ रूपए तथा स्व- सहायता समूहों एवं गौठान समितियों को 223.60 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्षों और सदस्यों को मिलाकर समिति के कुल 21 हजार 360 सदस्यों की मानदेय की 1.13 करोड़ रुपए की राशि जारी की। स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्ष को 750 रुपए और अशासकीय सदस्यों को 500 रुपए का मानदेय दिया जा रहा है।