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इस औद्योगिक जिले के वनांचल में रहने वाले ग्रामीण तेंदूपत्ता को हरा सोना मानते हैं। गर्मी के दिनों में जब उनके पास न तो खेतों में काम होता है और न ही घर में कुछ काम, तब इसी तेंदूपत्ता यानी हरा सोना का संग्रहण उन्हें मेहनत एवं संग्रहण के आधार पर पारिश्रमिक देता है। वनांचल में रहने वाले ग्रामीणों के लिये तेंदूपत्ता के प्रति मानक बोरा की दर में हुई वृद्धि ने खुशियां जगा दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा राशि 4000 रुपए किए जाने के बाद संग्राहकों में खुशियां है।
वे बहुत ही उत्साह के साथ तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य कर रहीं हैं। कोरबा विकासखंड के ग्राम कोरकोमा की सुखमिन बाई और कला कुंवर,वृंदा बाई तेंदूपत्ता संग्रहण कर उसे समिति में बेचने का कार्य वर्षों से कर रही है। एक सीजन में तीन से पांच हजार रूपए तक कमाई करने वाली इन संग्राहिकाओं का कहना है कि वे सुबह से शाम तक पत्ते तोड़कर उसे बण्डल बनाती हैं, फिर फड़ में ले जाकर बेच आती हैं।
इनमें कोरबा वनमण्डल में 38 एवं वनमण्डल कटघोरा वनमण्डल के 44 समितियां शामिल हैं।वनमण्डल के अंतर्गत वर्ष 2023 में लगभग 43 हजार 822 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित कर 17 करोड़ 52 लाख 89 हजार रूपये का भुगतान किया गया। यहां 34 हजार 590 तेंदूपत्ता संग्राहक हैं। कटघोरा वन मंडल में इस वर्ष में 58 हजार 688 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहित किया गया। इस तरह जिले में एक लाख 13 हजार 560 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया।