
नई दिल्ली :- केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को UPS पेंशन योजना का फायदा देने की तैयारी कर रही है ! किंतु इसी बीच प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारीयों ने भी अपनी डिमांड रखी है ! वे कहते है कि उनको भी रिटायर होने पर एक तय पेंशन का लाभ मिलना चाहिए ! वर्तमान समय में प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के अंतर्गत आ रहे है. किंतु वो भी अपनी पेंशन में वृद्धि के मांग करने लगे है ! प्राइवेट नौकरी वालो को कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत मिनिमम पेंशन मिल रही है ! तो चलिए आप सभी को बताते हैं कि प्राइवेट नौकरी करने वाले कर्मचारी पेंशन बढ़ाने की मांग क्यों कर रहे हैं ! और इस पेंशन से उन्हें कितना फायदा मिलेगा.
संगठन पेंशन बढ़ाने का पक्षधर :-
बीते दिनों चेन्नई कर्मचारी भविष्य निधि पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के तरफ से केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया को चिट्ठी के द्वारा न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की डिमांड रखी गई है . संगठन के मुताबिक प्राइवेट नौकरी करने वालो को मिनिमम 9 हजार रुपए की पेंशन मिले. कर्मचारी पेंशन योजना में देश के लगभग 75 लाख कर्मचारी आते है. संगठन के अनुसार अभी नई पेंशन स्कीम यूनिफाइड पेंशन स्कीम का फायदा 23 लाख कर्मचारीयों को मिलने वाला है ! किंतु अब सरकार को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत प्राइवेट नौकरी करने वालो का भी सोचना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष मांग रखेंगे, UPS की तरह प्राइवेट नौकरी में भी पेंशन बढ़ोतरी की मांग हुई शुरू :-
चेन्नई के संगठन की डिमांड है कि इस पेंशन के मामले को पीएम मोदी के बीच वार्ता के लिए ले जाना चाहिए. पूर्व में भी जुलाई माह में कर्मचारी पेंशन योजना 1995 को नेशनल एगिटेशन कमेटी ने दिल्ली में प्रदर्शन करके न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपए करवाने की बात कही थी. महाराष्ट्र का यह संगठन लगभग 78 लाख रिटायर पेनसोनभोगियो को जोड़ता है. और इसमें देशभर के औद्योगिक क्षेत्र के 7.5 करोड़ कर्मचारी भी जुड़े हुए है.
अभी मिनिमम पेंशन की स्थिति :-
केंद्र सरकार कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत वर्ष 2014 में मिनिमम पेंशन को 1 हजार रुपए निश्चित कर चुकी है. इसमें श्रम मंत्रालय की तरफ से वित्त मंत्रालय को एक प्रपोजल के द्वारा मिनिमम पेंशन को 2 हजार रुपए तक करने की डिमांड भेजी गई थी ! किंतु वित्त मंत्रालय ने इस प्रपोजल को मंजूरी नहीं दी है.
EPS पेंशन का फॉर्मूला :-
इस समय पर कर्मचारी पेंशन योजना में मिल रही पेंशन को तय करने का एक फार्मूला है. इसके अंतर्गत कर्मचारी के मूल वेतन को नौकरी के समय से गुना करके 70 से भाग देना होता है. जैसे किसी कर्मचारी का मूल वेतन 50,000 रुपए हो और वो 30 सालो की नौकरी कर चुका है ! इस प्रकार से इनके गुना का परिणाम 15,00,000 होगा . और इसको 70 से भाग देने पर 21,428 रुपए की पेंशन आती है .
पेंशन में अंशदान :-
कर्मचारी भविष्य निधि खाते में कर्मचारी के मूल वेतन का 12% और नियोक्ता के द्वारा भी 12% डाला जाता है. नियोक्ता के हिस्से से 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना में जाता है . और बाकी 3.67% कर्मचारी के PF अकाउंट में जाता है. 12% काटने का नियम न्यूनतम 15,000 रुपए के वेतन से शुरू होता है .
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