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पांच साल पहले गाजियाबाद के डासना में दहेज के लिए पत्नी को तेजाब पिलाकर हत्या के प्रयास के दोषी ठहराए गए पति को अदालत ने दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषी व्यक्ति पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद्र शर्मा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुनील कौशिक ने बताया कि अठसैनी तालिब ने अपनी बहन नजराना की शादी अप्रैल 2017 डासना में रहने वाले मोहम्मद आरिफ के साथ की थी। आरिफ का अपना काम था। मोहम्मद आरिफ और उसका परिवार शादी में मिले दहेज से नाखुश था और दहेज की मांग के लिए वे लोग नजराना को मारते -पीटते थे।
आरिफ ने 26 फरवरी 2018 को नजराना को तेजाब पिला दिया था। घटना की सूचना पाकर ससुराल पर आए नजराना के परिजनों ने उसे गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया था। पीड़िता उस वक्त दो माह की गर्भवती भी थी। इलाज के दौरान पीड़िता का पूरा पेट काट दिया गया। सांस लेने के लिए बाहर से एक नली लगाई थी।
इलाज के दौरान ही पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। जिसका सिर तेजाब से जला हुआ था। जन्म के 22 दिन बाद नवजात की भी मौत हो गई थी। पीड़िता के परिवार वालों ने करीब 30 लाख रुपये नजराना के इलाज पर खर्च किए थे। काफी इलाज के बावजूद भी पीड़िता की आवाज चली गई। पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपना बयान लिखकर दर्ज कराया था। पीड़िता के भाई तालिब ने मामले की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर तालिब को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
मामले में 8 गवाह पेश किए गए। आरिफ को सजा दिलाने में पीड़िता का लिखित बयान व मेडिकल रिपोर्ट अहम सबूत रहे। मामले की अंतिम सुनवाई एडीजे 10 न्यायाधीश अनिल कुमार की अदालत में हुई। अदालत ने पेश सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर मोहम्मद आरिफ को दोषी मानते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की पूरी धन राशि पीड़िता को मिलेगी।