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नई दिल्ली :- छत्तीसगढ़ का गुरुघासीदास – तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व देश का तीसरा बड़ा टाइगर रिजर्व होगा. छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुघासीदास – तमोर पिंगला को टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित कर लिया है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में टाइगर रिजर्व की संख्या चार हो गई है.
छत्तीसगढ़ सरकार की मंत्रिपरिषद की बैठक में गुरुघासीदास – तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व गठित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है और इसे टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित कर लिया है. इस टाइगर रिजर्व के गठन से बाघों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि यह क्षेत्र उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा. मौजूदा आंकड़ों के आधार पर बाघों की संख्या में सुधार के लिए यह कदम आवश्यक था. नया टाइगर रिजर्व बाघों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करेगा और उनकी सुरक्षा को बढ़ावा देगा. टाइगर रिजर्व के गठन से ईको-पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे. गाइड, पर्यटक वाहन संचालन और रिसॉर्ट्स के संचालन के साथ-साथ अन्य पर्यटन संबंधित सेवाओं से स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ होगा. राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टाइगर ऑथोरिटी से अतिरिक्त बजट प्राप्त होगा, जो क्षेत्र के विकास और आजीविका सुधार के लिए उपयोगी होगा.
गुरुघासीदास – तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व 2829.387 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला देश का तीसरा बड़ा टाइगर रिजर्व होगा. आंध्रप्रदेश का नागार्जुनसागर श्रीसैलम टाइगर रिजर्व 3296.31 वर्ग किमी के साथ देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. वहीं असम के मानस टाइगर रिजर्व को 2837.1 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ देश दूसरा बड़ा टाइगर रिजर्व माना जाता है.
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