
नई दिल्ली :- सौंफ और मिश्री दोनों साथ ही दिखते हैं. अक्सर खाने के बाद इसे साथ में ही लोग खाते हैं. होटल में खाना खाने के बाद सौंफ और मिश्री दिया जाता है. इसमें आयुर्वेदिक विज्ञान का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत छिपा होता है. यह प्रथा शायद ही किसी और विद्यालय या संस्थान की ओर से स्थापित की गई हो, लेकिन यह भारतीय साहित्य, संस्कृति और आयुर्वेद की पुरानी परंपरा में से एक है.
इस प्रथा के पीछे है विज्ञान :-
इस प्रथा के पीछे विज्ञान है. आयुर्वेद डॉक्टर अनिल राय जो पिछले 30 सालों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया की भोजन के बाद सौंफ और मिश्री के सेवन से पाचन क्रिया को सुधारा जा सकता है. सौंफ, जिसे अंग्रेजी में चूना कहते हैं, विशेष रूप से पाचन को संबलित करने में मदद कर सकता है. इसका उपयोग भोजन के बाद किया जाता है, ताकि खाया गया आहार अच्छे से पच सके और शरीर को पोषण मिल सके.
इसका वैज्ञानिक प्रमाण भी :-
मिश्री का सेवन भी पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा, मिश्री में कई पोषक तत्व भी होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. आयुर्वेदिक डॉक्टर अनिल राय ने बताया कि यह प्रथा भारतीय संस्कृति का हिस्सा है. इसका वैज्ञानिक प्रमाण भी है. यह भोजन के बाद पाचन को सुधारने और शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकता है. इस प्रथा को समझना महत्वपूर्ण है, और यह भी जानना आवश्यक है कि इसे केवल मात्रा में और विशेषता से ही लिया जाना चाहिए. यह भोजन के बाद आनंद लेने और शारीरिक स्वास्थ्य की देखभाल के एक महत्वपूर्ण पहलू को दर्शाता है.
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