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रायपुर। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह की पहल पर जिले की दो सगी बहनों की जिंदगी सुरक्षित हो गई है। कलेक्टर डॉ. सिंह को जैसे ही धरसींवा गांव के चरोदा में दो सगी बहनों के बेहतर पालन पोषण और शिक्षा से वंचित होने की जानकारी मिली, वैसे ही कलेक्टर ने तत्काल संवदेनशीलता दिखाते हुए महिला बाल विकास विभाग की टीम को उनके गांव में भेजा। टीम ने दोनों बहनों को रेसक्यू किया और तत्काल माना के एस.ओ.एस. विलेज बालगृह (बालिका) में लेकर पहुंची। दोनों बहनों को बेहतर भविष्य के लिए विलेज बालगृह में सौंपी है। दरअसल, 14 वर्षीय व 10 वर्षीय बालिका अपनी नानी के साथ कष्टप्रद स्थिति में रह रही थी। दोनों बालिका निजी स्कूल में पढ़ाई कर रही थी, लेकिन उनकी फीस जमा नहीं होने के कारण शिक्षा प्रभावित हो रही थी। दोनों बहनों को उनकी मां लगभग 05 माह पूर्व छोड़कर कहीं चली गई, पिता भी बच्चों के साथ नहीं रहते थे। बच्चियों की संपूर्ण जिम्मेदारी माता-पिता के उपरांत बच्चियों की मौसी उठा रही थी, किंतु मौसी का भी विगत माह निधन हो गया। जिससे बच्चियों की जिम्मेदारी उनकी नानी पर आ गई। जिसका निर्वहन करने में नानी समर्थ नहीं थी। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के निर्देश एवं बच्चियों की नानी की सहमति से बच्चियों को तत्काल जिला बाल संरक्षण ईकाई ने अपने संरक्षण में लिया और बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर उनकी शिक्षा-दीक्षा, आवास एवं सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए माना स्थित एस.ओ.एस. विलेज बालगृह (बालिका) के संरक्षण में सौंपा गया। अब दोनों बहनें की स्वस्थ और सुरक्षित है।