
नई दिल्ली (Today the earth will be at its farthest distance from the sun) :- सूरज की परिक्रमा करती पृथ्वी साल भर अपनी दूरी बदलती रहती है। इस परिक्रमण के दौरान साल में एक दिन वह सूरज के सबसे पास वाले बिंदु पर होती है तो एक दिन ऐसा आता है, जब यह दूरी बढ़कर सबसे अधिक हो जाती है। पांच जुलाई को वह दिन आ गया है, जब पृथ्वी ने सूरज से अपनी दूरी बढ़ा ली है।
विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि वर्ष में एक बार होने वाली यह खगोलीय घटना अपहेलियन कहलाती है। भारतीय समय के अनुसार, प्रात: 10.36 मिनट की स्थिति में पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी 15,20,99,9,68 किलोमीटर हो जाएगी, जो साल की सबसे अधिक होगी। पृथ्वी परवलयाकार कक्ष में घूमते हुए सूर्य की परिक्रमा करती है।
इस साल तीन जनवरी को पृथ्वी अपनी दूरी घटाते हुए सूर्य से 14,71,6,32 किमी दूरी पर थी। इसे पेरिहेलियन की स्थिति कहते हैं। इस तरह उस दूरी से आज पृथ्वी लगभग 50 लाख किमी और दूर पहुंच रही है। सूरज और पृथ्वी के बीच दूरी में लगभग 3 प्रतिशत की इस दूरी बढ़ने या घटने से स्थानीय मौसम पर कोई असर नहीं आता है।
विज्ञान प्रसारक के मुताबिक जब जनवरी में सूर्य पास में होता है, तब उत्तरी गोलार्द्ध में ठंड पड़ रही होती है। वहीं, जुलाई से सूर्य से दूरी बढ़ने पर भी गर्मी कम नहीं होती है। पृथ्वी पर मौसम पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमते समय झुकाव के कारण होते हैं। किसी समय पृथ्वी के जिस भाग पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ रही होती हैं, वहां गर्मी पड़ती है तथा जहां तिरछी किरणें पड़ती हैं, वहां ठंड महसूस होती है।
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