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गौरेला-पेंड्रा-मरवाही । गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में खोडरी रेंज के डिप्टी रेंजर उदय तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। उन पर वन विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगा है। दरअसल, मरवाही वनमंडल के खोडरी वन परिक्षेत्र में बीते कई दिनों से रेत का अवैध परिवहन और उसका भंडारण किए जाने की शिकायत मिल रही थी। इसके अलावा खोडरी वन परिक्षेत्र के नेवरी परिसर के नदियाटोला, बनझोरखा में अवैध रेत का व्यवसाय बड़ी तेजी के साथ फल फूल रहा था। जिस पर लगाम नहीं लगाई जा रही थी। डिप्टी रेंजर उदय तिवारी का रेत माफिया से लेनदेन और सांठगांठ का ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
मरवाही में काफी समय बाद वनविभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ कार्यवाई हुई है जिसमें खोडरी के डिप्टी रेंजर उदय तिवारी के ऊपर निलबंन की कार्यवाई की गयी है। मरवाही वनमंडल के खोडरी रेंज में शासकीय कार्याे में लापरवाही बरतने अवैध रेत की चोरी रोकने और उसके भंडारण के साथ ही इलाके में अवैध ईटा भट्टा का संचालन कराने और पेड़ो की कटाई रोकने में नाकाम साबित होने पर मरवाही वनमंडल के खोडरी वन परिक्षेत्र के वनपाल परिक्षेत्र सहायक के रूप में कार्यरत उदय तिवारी को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 9 (1) के तहत शासकीय कार्यों के प्रति लापरवाही और उदासीनता बरतने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
रेत माफियाओं से लेनदेन
जानकारी के लिए बता दें कि मरवाही वनमंडल के खोडरी वन परिक्षेत्र में बीते कई दिनों से रेत का अवैध परिवहन और उसका भंडारण किए जाने की शिकायत मिल रही थी, इसके साथ ही यहां खोडरी वन परिक्षेत्र के नेवरी परिसर के नदियाटोला, बनझोरखा में अवैध रेत का व्यवसाय बड़ी तेजी के साथ फल फूल रहा था जिस पर लगाम नही लगाई जा रही थी, वहीं इनके रेतमाफियाओं से लेनदेन और सांठगांठ का ऑडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।
कर्मचारियों की संलिप्तता
माना जा रहा इन सब अवैध कामों को लेकर वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता रही है जो कि अवैध रेत व्यवसाय करने वालों से सांठ गांठ कर ऐसे कामों को करवाते रहे है। मरवाही वनमंडल द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन में भी पाया गया कि 0.97 एकड़ वनभूमि को निजी लाभ के लिए खेत बनाया गया और वृक्षों को गोलाकार घाव बनाकर सूखा दिया गया गया और बिना कोई सूचना दिए इन वृक्षों को काट दिया गया जो कि अपने आप मे प्रथम दृष्टया काफी गंभीर आरोप है, उदय तिवारी के इन कृत्यों से पाया गया कि वनों की अवैध कटाई, अतिक्रमण ,रेत चोरी जैसे संगीन मामले में इनकीं संलिप्तता नजर आ रही है, जिस कारण इन्हें डीएफओ की जांच के बाद सीसीएफ बिलासपुर के द्वारा निलंबित किया गया है। निलबंन अवधि में उदय तिवारी वनपाल को मुख्यालय बिलासपुर वनमंडल में अटैच कर दिया गया गया है.