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पुणे पोर्श कार दुर्घटना :- पुणे में पोर्श कार हादसे (Pune Porsche Accident) में मचे बवाल और पुलिस-कोर्ट की साख पर बट्टा लगने के बाद महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) एक्शन मोड में आ गई है। पुलिस ने मंगलवार सुबह-सुबह औरंगाबाद जिले से आरोपी नाबालिग लड़के के रियल एस्टेट डेवलपर पिता विशाल अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया। निचली अदालत में पुलिस की याचिका खारिज होने के बाद पुलिस ने हाईकोर्ट से आरोपी पर वयस्क अभियुक्त के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी। इस पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी। पुलिस ने आरोपी के पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
बता दें कि पुणे में पोर्श कार हादसा चर्चा में है। शहर में एक बिल्डर के नाबालिग बेटे ने पोर्श कार से बाइक सवार युवक-युवती को कुचल दिया था। हादसे में दोनों की मौत हो गई थी। घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट ने 300 शब्दों का Essay लिखवाने और कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी थी। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर नाराजगी के बीच शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, पुणे के किशोर पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसके लिए हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। पुणे पुलिस (Pune Police) का कहना है कि घटना की जांच के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल FIR दर्ज होने के बाद फरार हो गया था। क्राइम ब्रांच ने विशाल को मंगलवार सुबह छत्रपति संभाजीनगर से गिरफ्तार कर लिया। विशाल को अब दोपहर तक पुणे लाया जाएगा।
19 मई तड़के सुबह की घटना :-
घटना 19 मई की तड़के सुबह की है। पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक रियल एस्टेट डेवलपर के 17 वर्षीय बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार युवक-युवती को कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। जांच में सामने आया कि आरोपी किशोर शराब के नशे में था। वे दोनों 24 साल के थे और आईटी सेक्टर में काम करते थे।
Essay लिखने और कुछ शर्तों पर हुई थी रिहाई :-
किशोर न्याय बोर्ड की निचली अदालत ने आरोपी नाबालिग को 14 घंटे के भीतर यह कहते हुए कि जमानत दे दी कि अपराध इतना गंभीर नहीं था कि जमानत देने से इनकार किया जा सके। अदालत ने रिहाई पर कुछ शर्तें भी तय कीं, जिनमें 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करना होगा और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखना शामिल है।
वयस्क की तरह चलाया जाना चाहिए मुकदमा :-
इस मामले में पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि आरोपी पर एक वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इसके लिए पुलिस ने हाईकोर्ट से अनुमति मांगी है। पुलिस कमिश्नर का यह बयान आरोपी नाबालिग को जमानत दिए जाने पर नाराजगी के बीच आया है। CP अमितेश कुमार ने कहा, आरोपियों पर आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। हमने आरोपी के साथ वयस्क की तरह व्यवहार किए जाने के लिए अदालत का रुख किया।