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Home Construction Tips (गृह निर्माण युक्तियाँ) :- आज के समय में घर खरीदना या बनवाना कोई मामूली बात नहीं है. गांव में भी घर खरीदने या बनवाने का खर्च लाखों में आता है. हालांकि, घर बनवाते समय अगर कुछ उपायों पर गौर किया जाए तो ठीक-ठाक बचत की जा सकती है. जैसे उदाहरण के लिए बिना पिलर और बिम वाला घर बनवाया जाए तो सरिया से लेकर सीमेंट और बालू तक की बचत हो जाती है. अगर आप एक फ्लोर वाला घर बनवा रहे हैं तो मजबूती में भी कोई फर्क नहीं पड़ता है. आइए आपको बताते हैं घर बनाते समय किन उपायों को अपनाकर आप लाखों रुपये बचा सकते हैं..
इस स्ट्रक्चर पर बनवाएं सिंगल फ्लोर घर :- सस्ता घर बनाने के कुछ टिप्स बड़े कारगर साबित होते हैं. जैसे मान लीजिए कि आपको मल्टीस्टोरी बिल्डिंग नहीं बनाना है तो एक साधारण बदलाव ही लाखों की बचत करा देगा. आम तौर पर घर बनाने के लिए लोग फ्रेम स्ट्रक्चर का इस्तेमाल करते हैं. अगर इसकी जगह पर लोड-बेअरिंग स्ट्रक्चर को अपनाया जाए तो एक झटके में बढ़िया बचत का रास्ता साफ हो जाता है.
दरअसल लोड-बेअरिंग स्ट्रक्चर में फ्रेम स्ट्रक्चर की तुलना में सरिया का कम इस्तेमाल होता है. इसके अलावा भी कुछ अन्य उपाय हैं, जैसे- नॉर्मल ईंट की जगह फ्लाई-ऐश ईंट (Fly Aish Bricks) का इस्तेमाल, लकड़ी के बजाए कंक्रीट का चौखट बनाना, शीशम-सागवान के बजाय सस्ती लकड़ियों का इस्तेमाल आदि.
पारंपरिक तरीके से बनाने पर होगा इतना खर्च :- अब ये जानते हैं कि पारंपरिक तरीके से घर बनाने में कितना खर्च आता है और अगर हम टिप्स का इस्तेमाल करें तो कितनी बचत हो सकती है. उदाहरण के लिए हम 500 वर्गफीट के प्लॉट को रखते हैं. एक तल्ले का घर बनाने में औसत खर्च 1,500 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट बैठता है. इस तरह सामान्य तरीके से 500 वर्गफीट के प्लॉट पर एक तल्ले का मकान बनवाने में करीब 7.50 लाख रुपये का खर्च आएगा.
सिर्फ एक बदलाव से आता है लाखों का फर्क :- अब टिप्स पर गौर करते हैं. पहला उपाय है स्ट्रक्चर में बदलाव. लोड बेअरिंग स्ट्रक्चर में कॉलम और बीम की जरूरत नहीं पड़ती है. इस कारण सरिया की जरूरत सिर्फ छत और छज्जा बनाने में होती है. इसके अलावा सीमेंट और रेत का भी कम इस्तेमाल होता है. इसी तरह सामान्य ईंट की तुलना में फ्लाई ऐश ईंट का इस्तेमाल करते हैं तो यह प्रति यूनिट 4-5 रुपये की बचत कराता है. इसका मतलब हुआ कि ईंट का खर्च लगभग आधा रह जाता है. फ्लाई ऐश ईंट का एक और फायदा से है कि इनके ऊपर प्लास्टर कराने की जरूरत नहीं होती है. इनके ऊपर सीधे पुट्टी चढ़ाकर पेंट किया जा सकता है. इस तरह से प्लास्टर का और लेबर का दोनों खर्च बचता है. खर्च कम करने का एक अन्य उपाय वर्गाकार निर्माण करना है.
इतनी बचत कराने वाला टिप्स :- अगर बताए गए उपायों को अपनाएंगे तो सीमेंट की खपत करीब 50 बोरी कम हो जाएगी. अभी एक बोरी सीमेंट की औसत कीमत 350 रुपये है. यानी सिर्फ सीमेंट पर ही आपको 17,500 रुपये की बचत हो रही है. सरिये की लागत आम तौर पर कुल कंस्ट्रक्शन कॉस्ट का 20 फीसदी होती है. लोड बेअरिंग स्ट्रक्चर में यह 10 फीसदी रह जाता है. यानी 1.50 लाख रुपये की जगह आपका काम 75 हजार रुपये में हो जाएगा. इस तरह सरिये पर आपके 75 हजार रुपये बच रहे हैं.
ईंट से लेकर रेत तक सिर्फ बचत ही बचत :- एक तल्ले का घर बनाने में करीब 5 हजार ईंट लगते हैं. सामान्य ईंट खरीदने पर खर्च करीब 50 हजार रुपये होगा, जबकि फ्लाई ऐश के मामले में यह महज 25 हजार रुपये रह जाएगा. इसका मतलब हुआ कि आपने ईंट में भी 25 हजार रुपये बचा लिए. चूंकि इन टिप्स को अपनाने पर प्लास्टर से लेकर बीम-कॉलम तक की जरूरत नहीं है तो सीमेंट और सरिये के अलावा रेत का भी कम इस्तेमाल होता है. अगर सामान्य तरीके से घर बनाने पर आपके 75 हजार रुपये रेत पर खर्च हो रहे थे, तो इन टिप्स को अपनाने पर यह खर्च करीब 50 हजार रुपये रह जाएगा. यानी रेत के मामले में भी 25 हजार रुपये की बचत हो रही है.
इस टिप्स को अपनाकर होगी 2 लाख की बचत :-
अन्य खर्चों की बात करें तो पत्थर पर करीब 40 हजार रुपये, टाइल्स पर करीब 50 हजार रुपये, पुट्टी-पेटिंग पर 25 हजार रुपये और खिड़की, दरवाजे, बिजली व पल्म्बिंग के काम पर 1.15 लाख रुपये खर्च होंगे. इनमें भी बचत की गुंजाइश है. टॉयलेट-बाथरूम साथ में बनवाने पर ईंट से लेकर सीमेंट और रेत तक की बचत होती है, साथ ही स्पेस भी कम यूज होता है. मार्बल की जगह सिरेमिक टाइल्स यूज कर भी बचत कर सकते हैं. इन सबको छोड़ दें तब भी उपयोगी टिप्स अपनाने से लगभग वैसा ही घर बनाने में सिर्फ सामानों पर ही 1,42,500 रुपये की बचत हो रही है. लेबर कॉस्ट से लेकर अन्य कम खर्चों को जोड़ दें तो आप इन टिप्स को अपनाकर एक तल्ले का घर बनाने में ही 2 लाख रुपये तक बचा सकते हैं.