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नई दिल्ली :- हर कोई अमीर बनना चाहता है। सभी लोग चाहते हैं कि वे अपने पैसे को बढ़ता हुआ देखें। कम्पाउंडिंग की ताकत से ऐसा संभव है। इसमें आप अपनी आंखों के सामने पैसे को बढ़ता हुआ देखते हैं। कम्पाउंडिंग एक फाइनेंशियल कॉन्सेप्ट है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आपका पैसा समय के साथ तेजी से बढ़ता है। यह तब होता है जब आप कमाई पर अर्जित ब्याज को फिर से निवेश करते हैं। इससे आप अगली बार और अधिक ब्याज कमाते हैं। समय के साथ कम्पाउंडिंंग छोटी से छोटी रकम को भी बड़ा बना देती है।
कंपाउंडिंग की शक्ति को ऐसे समझ सकते हैं :-
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार, ‘चक्रवृद्धि ब्याज दुनिया का आठवां अजूबा है। जो इसे समझता है, वह इसे कमाता है। जो नहीं समझता, वह इसे चुकाता है।’ पहली नजर में यह कही हुई बात अतिशयोक्ति लग सकती है। लेकिन, इसके पीछे का गणित कुछ और ही बताता है। आज के वित्तीय परिदृश्य में कम्पाउंड इंटरेस्ट एक बड़ी शक्ति बना हुआ है। म्यूचुअल फंड इसका उदाहरण हैं।
100 रुपये को 1 लाख रुपये में कैसे बदलें?
मान लीजिए आप म्यूचुअल फंड या ऐसे किसी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में 100 रुपये लगाते हैं जिससे 15% का सालाना रिटर्न मिलता है। पहले साल में आपका निवेश 15% बढ़ जाता है। इससे आपके 100 रुपये 115 रुपये में बदल जाते हैं। दूसरे वर्ष में आप शुरुआती 100 रुपये पर केवल 15% नहीं कमा रहे हैं। अब आप 115 रुपये पर 15% कमाते हैं। इसका मतलब है कि आपका निवेश बढ़कर 132.25 रुपये हो गया है। पहले साल में आपने जो अतिरिक्त 15 रुपये कमाए थे, वे अब अधिक पैसा कमाने के लिए आपके मूल निवेश के साथ काम कर रहे हैं। जैसे-जैसे साल बीतते हैं, आपका निवेश बढ़ता रहता है। आप अपनी प्रारंभिक राशि और पिछले सालों के रिटर्न दोनों पर लाभ कमाते हैं। लगभग 25 साल के बाद कंपाउंडिंग की शक्ति के कारण आपका शुरुआती 100 रुपये का निवेश बढ़कर 1 लाख रुपये हो जाएगा। जितनी अधिक बार आपका निवेश रिटर्न अर्जित करता है, यह उतनी ही तेजी से बढ़ेगा।