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छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश से नक्सलवाद को खत्म करने या फिर कहें कि नक्सलवादी विचारधारा को खत्म करने के लिए लगातार अभियान चला रही है। जिसके तहत भटके हुए नक्सलियों का आत्मसमर्पण कराकर उन्हें समाज के साथ जोड़ने का काम किया जा रहा है। इस बीच लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बस्तर संभाग में पुसिल को नक्सलवादी विचारधारा के खिलाफ एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। यहां एक 8 लाख के नक्सली ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है।
बस्तर संभाग के सुकमा जिले में चुनाव से पहले आठ लाख के इनामी नक्सली कमांडर ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। सुकमा एसपी किरण चौहान, एएसपी नक्सल निखिल और सतीश कुमार दुबे के सामने नक्सलियों की सीआरसी कम्पनी के नक्सली रोशन उर्फ़ सम्मैया सोड़ी ने आत्मसमर्पण किया है।
नक्सल प्रभावित इलाकों पर भटके हुए नक्सलियों का समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सरकार पूना नर्कोम अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत नक्सल संगठन से जूड़े युवाओं को आत्मसमर्पण कराने का काम किया जाता है। साथ ही नए-नए कार्यक्रम कर युवाओं को समाज के जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। सरकार के इस कार्यक्रम से प्रभावित होकर नक्सल संगठन छोड़ तेज़ी से युवा आत्मसमर्पण की तरफ बड़ रहे हैं। इसके साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को शासन की पुनर्वास नीति का लाभ देने का सरकार के द्वारा किया जाता है।