दुर्लभ रोग दिवस :- दुर्लभ बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए दुर्लभ रोग दिवस फरवरी महीने के आखिरी दिन मनाया जाता है। 29 फरवरी एक दुर्लभ तारीख है, जो हर चार साल में केवल एक बार आती है. इस दिवस का मुख्य उद्देश्य आम जनता और स्वास्थ्य विशेषज्ञ के बीच दुर्लभ बीमारियों और रोगियों के जीवन पर उनके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. इसी कड़ी में आज हम ऐसी दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे राजस्थान के धौलपुर जिले के एक वर्षीय ह्रदयांश की कर रहे हैं. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर सहयोग किया अपील का वीडियो और मैसेज वायरल हो रहा है. दरसल मासूम की दुर्लभ बीमारी को ठीक करने वाला इंजेक्शन 17 करोड़ रुपए का आता है जिसे लेकर जयपुर पुलिस महानिदेशक ने और एसपी ने भी पुलिस विभाग को लिखकर सामर्थ अनुसार डोनेट करने की अपील की है.
दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है हृदयांश :-
मनियां पुलिस थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर नरेश शर्मा के 22 महीने के पुत्र हृदयांश बेहद गंभीर एवं घातक बीमारी से ग्रसित हैं. इलाज के लिए इंजेक्शन विदेश से मंगाया जाएगा. इंजेक्शन का खर्च सब इंस्पेक्टर नरेश शर्मा और उसका परिवार वहन नहीं कर सकता है. ऐसे में सोशल मीडिया के माध्यम से भी सब इंस्पेक्टर के परिवार ने मदद की मुहिम चलाई है.
ह्रदयांश को इस बीमारी से उबरने के लिए 17 करोड़ रुपए की कीमत वाला इंजेक्शन नहीं मिला. चिकित्सक की राय के अनुसार दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे ह्रदयांश की जिंदगी को बचाने के लिए एक मात्र संभावित उपचार है जोल्जेंस्मा नामक इन्जेक्शन (zolgensma injection) है, जो एक उत्कृष्ट जीन चिकित्सा उपचार है, जो इस प्रकार की S.M.A जैसी बीमारी से ग्रसित बच्चों को जीवन जीने की आशा प्रदान करता है. चिकित्सकों के अनुसार इस इंजेक्शन को इंप्लांट करने की अधिकतम उम्र 24 महीने (02 साल) है. इसलिए इनके पास ज्यादा समय शेष नही है. अपनी अपील में जयपुर पुलिस महानिदेशक ने पत्र में लिखा है कि संकट में फंसे ह्रदयांश का जीवन बचाने के लिए इंजेक्शन बेहद जरूरी है.
इस अपीलीय पत्र के साथ जयपुर पुलिस महानिदेशक ने मदद करने के लिए बैंक अकाउंट, यूपीआई एड्रेस भी साझा किया है, जिसकी मदद से इच्छुक लोग स्वेच्छा से आर्थिक मदद कर सकते हैं. गौरतलब है मासूम ह्रदयांश को दुर्लभ बीमारी से बचाने के लिए उनके पिता नरेश शर्मा के पास दो महीने का ही समय है. घातक बीमारी spinal muscular atrophy (SMA) से ग्रसित हृदयांश का कमर से नीचे का हिस्सा बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा है. इस बीमारी का इलाज 24 महीने की उम्र तक ही उपचार किया जाता है.
सोशल मीडिया पर चल रही मुहिम :-
हृदयांश की जान बचाने के लिए 17.5 करोड़ रुपए का इंजेक्शन खरीदने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जा रही है. समाज के भामाशाह समाजसेवी कर्मचारी अधिकारी हृदयांश के अकाउंट में राशि डोनेट कर सकते हैं. पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया धारा 80 जी के तहत इनकम टैक्स एक्ट के माध्यम से आयकर में छूट भी दी जाएगी.