भोपाल. बारिश और ओलावृष्टि की वजह से फसलों को भारी नुकसान हो गया है. किसानों समेत कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों पर आसमानी आफत बनकर बरसने के बाद भी बारिश का कहर शांत नहीं हुआ है. बारिश-आंधी और ओला से मध्य प्रदेश के 12 जिलों में फसल को तबाह करने के बाद अब प्रदेश के 26 जिलों पर फिर संकट मंडरा रहा है.
मौसम केंद्र एक और दो मार्च को प्रदेश के 26 जिलों को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है. मौसम केंद्र के अनुसार भोपाल, इंदौर, जबलपुर सहित दो दर्जन से अधिक जिलों में बारिश-आंधी के आसार बन रहे हैं. वहीं कई जिलों में ओला गिरने की भी आशंका बनी हुई है.
मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रदेश में एक और दो मार्च को फिर से बारिश आंधी और ओला का स्ट्राॅन्ग सिस्टम एक्टिव होने जा रहा है. इन जिलों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दमोह, सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, निवाड़ी जिले शामिल हैं. मंगलवार को हुई बारिश-आंधी और ओला से 12 जिलों में फसल को नुकसान हुआ है. इनमें से छह जिले निवाड़ी, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, खंडवा, टीकमगढ़ में अधिक नुकसान बताया जा रहा है.
रतलाम, अनूपपुर, ग्वालियर, सतना, आगर मालवा और देवास में भी गेहूं, चना और सरसों की फसल को नुकसान हुआ है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि ओले की मार से जो फसल बच भी गई उसमें दाने में वजन नहीं रहेगा. इधर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का तुरंत सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा में सरकार किसानों के साथ खड़ी है. किसान भाइयों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.