
जयपुर. राजस्थान में पिछले दो सप्ताह से रुक-रुककर हो रही बारिश-ओलावृष्टि आज से थम जाएगी। अब एक सप्ताह तक मौसम साफ रहेगा। इसके साथ ही दिन में तेज धूप निकलने लगेगी। लोगों को गर्मी का अहसास होने लगेगा। एक्सपर्ट का कहना है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में एक नया सिस्टम आने की संभावना है, जिसके बाद मौसम फिर से बदल सकता है।
इससे पहले शुक्रवार देर शाम राजस्थान के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में कई जगह आंधी चलने के साथ ओले गिरे। अलवर, झुंझुनूं, गंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, बीकानेर में कई जगहों पर जबरदस्त ओलावृष्टि हुई। गंगानगर, हनुमानगढ़ में तो कई जगह 40KM स्पीड से तेज हवाएं भी चलीं। इस कारण यहां कई जगह फसलों को भारी नुकसान हुआ।
झुंझुनूं के बुहाना, गंगानगर के हिंदूमलकोट समेत कई जगहों पर एक इंच से ज्यादा बरसात हुई। झुंझुनूं में जबरदस्त ओलावृष्टि होने से वहां खाली जमीन पर सफेद ओलों की चादर बिछ गई।

झुंझुनूं में शुक्रवार को जिधर देखो बर्फ ही बर्फ नजर आ रही थी। यहां तेज हवा के साथ अलग-अलग स्थानों पर 15 से 20 मिनट तक चने से लेकर बेर से कुछ बड़े आकार के ओले गिरे।
यहां हुई बारिश
मौसम केंद्र जयपुर और सिंचाई विभाग से जारी रिपोर्ट के मुताबिक अलवर के राजगढ़ में 35, टपूकड़ा में 14, थानागाजी में 13, किशनगढ़बास में 12, कोटकासिम में 10, जयपुर के चौंमू 12, पावटा में 16, भरतपुर के डीग और उच्चैन में 10-10, गंगानगर के हिंदूमलकोट में 47, गंगानगर 13.5, मिर्जेवाला 26.8, करणपुर 14, केसरीसिंहपुर 17, चूरू के तारानगर में 17, बनीपुरा 10, हनुमानगढ़ के टिब्बी में 22, भादरा में 10, संगरिया में 12, हनुमानगढ़ शहर में 12, झुंझुनूं 19, बुहाना 34, चिड़ावा 15MM बारिश दर्ज हुई है।

अलवर के बबेली गांव में ओलावृष्टि के बाद आधी सड़क पर बर्फ की चादर बिछ गई।
अब अगले सात दिन मौसम शुष्क रहेगा
मौसम केंद्र जयपुर के मुताबिक राज्य में आज से मौसम शुष्क होने लगेगा। अगले 7 दिन तक बारिश-ओलावृष्टि नहीं होगी। 31 मार्च तक प्रदेश में आसमान साफ रहने के साथ धूप निकलेगी और तापमान भी बढ़ेगा। संभावना है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में एक नया सिस्टम फिर से एक्टिव हो सकता है।

बीकानेर के लूणकरनसर में शुक्रवार को जमकर ओले गिरे। हाल के दिनों में यह तीसरी बार जब यहां इस तरह से ओलावृष्टि हुई है।
बीकानेर में गिरे ओले, किसानों को नुकसान
बीकानेर के लूणकरनसर में पिछले दिनों में तीन बार ओले गिरे। इसने किसान की हालत खराब कर दी है। चने और सरसों की करीब अस्सी फीसदी फसल खराब हो गई है। ओले गिरने पर राजपुरा के किसान माणकचंद हुड्डा ने कहा- सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है।
बेर के आकार के ओले गिरने से सरसों की फलियों के दाने बिखर गए। वहीं, मनाफरसर के किसान लेखराम का कहना है कि ओलो की बारिश से फसल नुकसान पहुंचा है। गेहूं की फसल आड़ी पड़ गई है। दाने काले पड़ने का डर है। जौ, चना और सरसों की फसल को भी नुकसान हुआ हैं। ऐसे में राज्य सरकार को गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिलवाना चाहिए।

अलवर में शुक्रवार को दिन में गिरे ओले शनिवार को भी खेतों में जमे मिले।
अलवर में रात को भी बारिश हुई, ओले गिरे
अलवर के राजगढ़, टहला व थानागाजी के आसपास कई जगहों पर एक-एक फीट तक ओले जम गए हैं। दिन में ओले गिरने के बाद रात को बारिश हुई। खेतों में कटी और खड़ी दोनों तरह की फसल चौपट हो गई। राजगढ़ एमएलए जौहरी लाल मीणा ने भी कहा- कई जगहों पर फसल में 100 पर्सेंट नुकसान है। कुछ नहीं बचा। ओलों इतने गिरे हैं कि अगले दिन भी खेतों में मिले हैं।