
रायपुर :- सरकार मुफ्त राशन योजना के लिए खाद्यान्न खरीद और करने की तैयारी कर चुकी है. धान और गेहूं किसानों को अपनी उपज का बेहतर दाम मिलने की संभावना बढ़ गई है. क्योंकि, सरकार मुफ्त राशन योजना के लिए खाद्यान्न खरीद और करने की तैयारी कर चुकी है. केंद्र सरकार की पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण के साथ ही कीमतों में नियंत्रण में रखने के लिए सरकार कम दाम पर आटा और चावल की बिक्री नेफेड जैसी सहकारी समितियों के जरिए की जा रही है. ऐसे में सरकार खाद्यान्न की उपलब्धता बनाए रखने के लिए किसानों से खरीद का रुख कर रही है.
इन राज्यों में खाद्यान्न खरीद की तैयारी :-
गेहूं और धान की सरकारी खरीद कम होने का कारण यह है कि खुले बाजार में किसानों को धान और गेहूं की कीमत सरकारी खरीद की तुलना में ज्यादा मिल रही है. वहीं, विधानसभा चुनावों के कारण तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में खाद्यान्न खरीद की गति धीमी थी. राज्य सरकारें किसानों को धान और गेहूं पर बोनस देने की घोषणा करने वाली हैं. ऐसे में किसानों को लाभ मिलेगा और वह सरकारी खरीद केंद्रों पर खाद्यान्न बिक्री करेंगे.
कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भी खाद्यान्न की जरूरत :-
एफसीआई किसानों को एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए चावल और गेहूं खरीदती है और राशन की दुकानों के माध्यम से 81 करोड़ गरीबों को मुफ्त में अनाज वितरित करती है. यह घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और कीमतों की नियंत्रित करने के लिए ओपेन मार्केट स्कीम (ओएमएसएस) के माध्यम से सरप्लस अनाज का भी उपयोग करता है.एफसीआई के अनुसार जून 2023 से ओएमएसएस के तहत साप्ताहिक नीलामी के माध्यम से 5.9 मिलियन टन गेहूं खुले बाजार में बेचा गया है, जिससे खुदरा कीमतों को स्थिर करने में मदद मिली है.