रायसेन। मध्य प्रदेश में अवैध खनन करने वाले माफियाओं के हौंसले नई सरकार बनने के बाद भी कम नहीं हुए हैं। रायसेन जिले वन क्षेत्र में आज दोपहर अवैध खदानों का रास्ता बंद करवाने पहुंची वन विभाग की टीम पर खनिज माफिया ने जानलेवा हमला कर दिया। मिली जानकारी के अनुसार 30 से 40 बदमाश हॉकी और डंडा लेकर फारेस्ट टीम पर टूट पड़े। जिसमें डिप्टी रेंजर लाल सिंह पूर्वी गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें जिला अस्पताल लाया गया है। उनके हाथ में फ्रैक्चर और सिर पर गंभीर चोट आई हैं। हमला करने वालों में सरपंच पति भी शामिल है।
दरअसल, रिजर्व फॉरेस्ट आर 392 वन परिक्षेत्र पूर्व की बीट हकीम खेड़ी पर शनिवार दोपहर 1 बजे डिप्टी रेंजर लाल सिंह पूर्वी, डिप्टी रेंजर मोती सिंह यादव, वनपाल राधा सोलंकी वनरक्षक रूप सिंह यादव, अवैध खदानों का रास्ता बंद कर रहे थे। इसका विरोध करते हुए हकीम खेड़ी गांव के लगभग 30 से 40 लोग ने डंडे, हॉकी से टीम पर हमला कर दिया। हमले में जिसमें डिप्टी रेंजर लाल सिंह पूर्वी के हाथ और सिर में गंभीर चोटें लगी है एवं तीन अन्य वनरक्षकों को भी चोटें आई हैं।
पूरा मामला जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर सांचेत के पास ग्राम हकीम खेड़ी का है। बता दें कि वन विभाग की टीम को विगत कई दिनों से हकीम खेड़ी में अवैध रूप से उत्खनन की खबर मिल रही थी। जिसे रोकने के लिए वन विभाग की टीम जेसीबी मशीन लेकर वन विभाग की भूमि पर ही नाला बना रही थी ताकि अवैध उत्खनन ना हो सके, लेकिन ग्राम हकीमखेड़ी के सरपंच पति तौफीक, सुलेमान हकीम सहित 30-40 लोगों ने एक साथ हमला कर दिया। जिससे लाल सिंह पूर्वी को गंभीर रूप से चोटें आई हैं। उनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं तीन अन्य वनरक्षकों को भी चोटें आई हैं।
एसडीओ फारेस्ट सुधीर पटले ने बताया कि वन विभाग की टीम अपनी सीमा में ही उत्खनन रोकने का काम कर रही थी, उसके बावजूद टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया। जिसमें तीन वनरक्षक सहित डिप्टी रेंजर लाल सिंह पूर्वी को गंभीर चोटें आई हैं। जिसकी सूचना हमने कोतवाली थाने में दी है। गौरतलब है कि रायसेन कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे ने खनिज विभाग सहित सभी अधिकारियों को अवैध उत्खनन रोकने के लिए आदेश जारी किये थे।