
आजकल मोटापा ज्यादातर लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है। जिससे निजात पाने के लिए वो कभी डायटिंग तो कभी जिम का सहारा लेते हैं। बावजूद इसके उनकी समस्या जस की तस बनी रहती है। अगर आप भी बढ़ते मोटापे से परेशान हैं तो वेट लॉस के लिए अपनाएं मणिपाल अस्पताल (दिल्ली) के डॉ. रणदीप वधावन,(एचओडी -मिनिमल एक्सेस सर्जरी,बेरिएट्रिक और मेटाबोलिक,गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी विभाग) के ये चार उपाय।
डॉ. रणदीप वधावन, कहते हैं कि आज के समय में मोटापा सिर्फ भारत में ही नहीं,बल्कि पूरे विश्व में उभरती एक बड़ी समस्या है। शोध से पता चलता है कि भारत में सामान्य और पेट का मोटापा दोनों ही गंभीर चिंता का विषय हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि कुछ बातों पर गौर करके मोटापे की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
डॉ. रणदीप वधावन, कहते हैं कि वेट कंट्रोल करने के लिए कुछ व्यावहारिक लक्ष्यों को सामने रखा जा सकता है। जिसमें जिनमें शामिल हैं-
-वेट लॉस
-अल्पकालिक लक्ष्य- 5-10 प्रतिशत, या प्रति सप्ताह 0.5 से 1 किलोग्राम वजन कम करना।
-सह-रुग्णताओं को कम करना मतलब एक ही समय में एक से अधिक रोग या उससे जुड़ी स्थितियां
-अंतरिम लक्ष्य- अपने सही वजन को बनाए रखना।
-दीर्घकालिक लक्ष्य- जरूरत पड़ने पर और ज्यादा वजन कम करना
हालांकि, डॉ. रणदीप वधावन, कहते हैं कि इस तरह अपने वेट लॉस मिशन पर डटे रहने के लिए व्यक्ति को अपने नजरिए और आदतों में भी बदलाव करने की जरूरत होगी- जिसमें जीवनशैली में सुधार,दवाओं का उपयोग और यदि इन उपायों के बाद भी वजन कम न हो पा रहा हो, तो जरूरत पड़ने पर सर्जरी भी शामिल हो सकती है।
मोटापे से निजात पाने के लिए डॉ. रणदीप वधावन के 4 सुझाव-
1.आहार में परिवर्तन-
वेट कंट्रोल करने के लिए सबसे पहली जरूरी चीज है, अपने आहार पर ध्यान देना। इसके लिए अपने आहार में रोजाना 500-1000 किलो कैलोरी की कटौती करके वजन घटाना शुरु कर सकते हैं। महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 1200-1500 किलो कैलोरी और पुरुषों को 1500-1800 किलो कैलोरी प्रतिदिन की कटौती करनी चाहिए। ध्यान रखें, बेहतर परिणामों के लिए इस दिनचर्या का पालन लंबे समय तक करते रहें।
2.दैनिक व्यायाम-
वेट लॉस में आपके रोजाना किए जाने वाले वर्कआउट का भी बहुत बड़ा होथ होता है। ध्यान रखें, व्यायाम हमेशा व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार होना चाहिए। जिसकी शुरुआत हमेशा हल्के व्यायाम जैसे तेज चलने से होनी चाहिए। जिसके बाद आप धीरे-धीरे व्यायाम को बढ़ाकर रोजाना 30 से 60 मिनट तक मीडियम स्पीड से व्यायाम करने का प्रयास कर सकते हैं। जल्दी रिजल्ट पाने के लिए आप अपने रूटिन में हाई इंटेंसिटी वर्कआउट को भी शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा,स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को न भूलें, क्योंकि इससे मांसपेशियां बनती हैं और स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।
3.फार्माकोथेरेपी-
जरूरत से ज्यादा वेट गेन होने पर, इस बात का खास ख्याल रखें कि किसी भी हालत में व्यक्ति का बीएमआई 25 किग्रा/मी.2 से ज्यादा होने पर, या मधुमेह या उच्च रक्तचाप के साथ 27 किग्रा/ मी.2 से ज्यादा होने पर जीवनशैली में संशोधन के अलावा दवा भी जरूरी हो जाती है।
वर्तमान में भारत में मोटापे के लिए केवल एक दवा,ऑर्लिस्टैट को मंजूरी मिली है, जो वसा के अवशोषण को रोकती है। लेकिन इसके उपयोग के लिए डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए, जो व्यक्तिगत जरूरतों का आकलन करके सबसे उपयुक्त इलाज की रूपरेखा तैयार कर सकता है।
4.सर्जिकल उपाय-
लंबे समय से मोटापे से पीड़ित लोगों (30 किग्रा/मी.2 से अधिक बीएमआई), जिनका बीएमआई 35 किग्रा/ मी.2 से ज़्यादा हो या फिर जो वजन कम करने के बाकी सभी तरीके अपनाकर थक गए हों, उनके लिए बेरिएट्रिक और मेटाबोलिक सर्जरी एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है। इन प्रक्रियाओं में कैलोरी अवशोषण को और कम करने के लिए, छोटी आंत में वन एनास्टोमोसिस गैस्ट्रिक बाईपास (ओएजीबी) या डुओडेनल स्विच बाईपास जैसी मैलएब्जोर्टिव प्रक्रिया भी की जाती है। बता दें, आज लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक तकनीकों द्वारा ज्यादा तेज रिकवरी और बेहतर कॉस्मेटिक परिणामों के साथ मिनिमली इनवेसिव विकल्प भी मिल गए हैं।
डॉक्टर की सलाह-
मोटापे पर नियंत्रण रखना एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है,जिसमें यह विश्वास रखकर आगे बढ़ना चाहिए कि एक स्वस्थ भविष्य आपकी मुट्ठी में है। अगर लोग अपने खाने की आदतों में परिवर्तन करके व्यायाम को अपने रूटिन का हिस्सा बना लें और जरूरत पड़ने पर इलाज या सर्जरी की मदद लें,तो वो एक स्वस्थ और चुस्त जीवन का आनंद ले सकते हैं।