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केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने पिछले दिनों संसद में एक सदस्य के सवाल पर उन्हें आड़े हाथों लिया और पलटवार करते हुए पूछ दिया कि आप ही बताएं कि किस समलैंगिक पुरुष को गर्भाशय के बिना मासिक धर्म चक्र होता है? दरअसल, 13 दिसंबर को राज्यसभा में राजद सांसद मनोज कुमार झा ने महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान अवकाश से संबंधित एक प्रश्न पूछा था, जिसके जवाब में ईरानी ने जवाबी सवाल पूछा।
राजद सांसद झा ने स्मृति ईरानी से पूछा था कि क्या मासिक धर्म स्वच्छता नीति के मसौदे में LGBTQIA+ समुदाय के बीच मासिक धर्म स्वच्छता को बढ़ावा देने और प्रदान करने के प्रावधान हैं। यहां LGBTQIA का मतलब लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांससेक्सुअल, क्वीर, इंटरसेक्स और अलैंगिक है। संक्षिप्त नाम में ‘+’ यह सुनिश्चित करता है कि समुदाय में सभी पहचान शामिल हैं।
पिछले दिनों समाचार एजेंसी ANI के साथ एक साक्षात्कार में स्मृति ईरानी ने कहा कि मनोज कुमार झा के सवाल का उद्देश्य “या तो सदन को चौंकाना था या मुझे उकसाना या सिर्फ ध्यान आकर्षित करना” था। स्मृति ईरानी ने कहा, “वह (मनोज झा) चाहते हैं कि मैं उन्हें बताऊं और जवाब दूं कि उनके (LGBTQIA समुदाय) मासिक धर्म स्वच्छता के लिए मैं क्या प्रावधान कर सकती हूं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा क्या समलैंगिक पुरुषों के लिए यह लागू हो सकता है?”
13 दिसंबर को संसद में बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री ने महिला कर्मचारियों के लिए अनिवार्य मासिक धर्म अवकाश के विचार पर अपना विरोध जताया था। तब स्मृति ईरानी ने कहा था, “मासिक धर्म वाली महिलाओं के लिए मासिक धर्म और मासिक चक्र कोई विकलांगता नहीं है,यह महिलाओं की जीवन यात्रा का एक स्वाभाविक हिस्सा है।” केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में घोषणा की कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने हितधारकों के परामर्श से मासिक धर्म स्वच्छता नीति का मसौदा तैयार किया है।