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रायपुर:- विधानसभा चुनाव 2023 में सबसे अहम मुद्दा धान और किसान का था, जिस पर भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों ने दांव खेला था। लेकिन जनता ने भरोसा भाजपा पर जताया और विष्णुदेव साय को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाया। अपने वादे के मुताबिक विष्णुदेव साय ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक धान का पुराना बोनस भुगतान किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। लेकिन सत्ता परिर्वन के बाद अब किसानों को ये चिंता सताने लगी है कि न्याय योजना की चौथी किस्त किसानों को मिलेगी या नहीं? पूरे प्रदेश के किसानों को चौथी किस्त की चिंता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि न्याय योजना की चौथी किस्त का भुगतान विष्णुदेव सरकार करेगी या नहीं? दरअसल पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों को न्याय योजना के तहत बोनस भुगतान का ऐलान किया था। इस योजना के तहत किसानों को धान के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस का भुगतान किया जाता था जो अलग-अलग चार किस्तों में दी जाती थी। पूर्ववर्ती सरकार की योजना थी कि चुनाव के बाद किसानों को न्याय योजना की चौथी किस्त का भुगतान किया जाएगा, लेकिन अब कांग्रेस सरकार की विदाई हो चुकी और नई सरकार आ चुकी है।
बात करें न्याय योजना की चौथी किस्त की तो आपको बता दें कि सरकार की किसी भी योजना के लिए बजट में फंड का निर्धारण किया जाता है। निर्धारित फंड के अनुसार सरकार उस योजना के भुगतान के लिए बाध्य होती है। ये भुगतान छत्तीसगढ़ शासन की ओर से किया जाता है, भाजपा या कांग्रेस की ओर से नहीं। इसका मतलब सीधा है कि योजनाओं के तहत लाभार्थियों को मिलने वाली राशि को शासन की ओर से भुगतान किया जाता है। मतलब सीधा है कि सरकार बदल गई तो क्या हुआ न्याय योजना की चौथी किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। किसानों को इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है बोनस की रकम आएगी कि नहीं? दूसरी ओर किसानों को इस बात की भी चिंता है कि अभी धान खरीदी पुरानी सरकार की ओर से तय मानक के हिसाब से हो रही है ओर भुगतान भी उसी अनुसार ही किया जा रहा है। ऐसे में किसान इस बात से चिंतीत हैं कि 3100 रुपए और प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी कब से शुरू होगी। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि इस संबंध में सरकार अगली कैबिनेट बैठक में फैसला ले सकती है।