भोपाल। चिकित्सीय त्रुटि के कारण मरीजों की मौत ना हो इसके लिए पहली बार राजधानी भोपाल में स्थित एम्स में कनाडा की तर्ज पर डेथ ऑडिट किया गया। जनवरी से अब तक 407 मरीजों की मौत हुई है। इनमें से सबसे अधिक 80 मरीजों की मौत सिर में चोट लगने के कारण हुई। वहीं ओपीडी में स्क्रीनिंग और क्लीनिकल इलाज में देरी न हो इसके लिए एम्स प्रबंधन ने रिपोर्ट के साथ गाइडलाइन जारी की है।
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में शामिल एम्स ने पहली बार डेथ ऑडिट किया है। भोपाल की डेथ ऑडिट रिपोर्ट की बात की जाए तो ये 67.8 प्रतिशत पुरुष और 32.2 प्रतिशत महिलाओं की मौत का अध्ययन किया गया है। एम्स के डॉक्टर हार्ट अटैक के मरीजों के साथ स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन भी करेंगे। ज्यादातर मौतों के कारण मल्टी ऑर्गन फेलियर, रोड एक्सिडनेट, सुसाइड, घाव का सड़ना रहे। इसके लिए अब अस्पताल में लाए गए मरीजों के इलाज में देरी न कर उन्हें गाइडलाइन के माध्यम से देखा जाएगा।