
शिमला. हिमाचल प्रदेश की सुखविन्दर सिंह सुक्खू सरकार शुक्रवार को वितीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिनके पास वित विभाग भी है पूर्वान्ह 11 बजे सदन में अपना पहला बजट भाषण पढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री की तरफ से कर मुक्त बजट प्रस्तुत किए जाने की संभावना जताई जा रही है। पहले बजट में सुक्खू कई नई योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं, जिसमें चुनाव के समय कांग्रेस की तरफ से लाए गए घोषणा पत्र की झलक देखने को मिल सकती है। बजट में नौकरी का पिटारा भी खुल सकता है। सुक्खू सरकार के पहले बजट से आम आदमी के अलावा कर्मचारी, महिलाओं और विशेषकर बेरोजगार युवाओं को काफी उम्मीदें हैं। 300 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को 1500 रुपये मासिक सम्मान राशि, एक लाख युवाओं को रोजगार इत्यादि कांग्रेस की गारंटियों को पूरा करने के सरकारी दावों के मद्देनजर सभी की निगाहें बजट पर टिकीं हैं।
कृषि क्षेत्र के साथ हिमाचल में निवेश लाने के सरकार के प्रयासों के मद्देनजर उद्योगों के लिए भी बजट में कोई रियायत मिलने की उम्मीद है। हालांकि 75 हजार करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे प्रदेश की जनता पर कोई नया बोझ डाले बिना, विकास योजनाओं के लिए धन की व्यवस्था करना सुक्खू के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी।
कांग्रेस द्वारा सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना देने की गारंटी को पूरा करने में सुक्खू सरकार कामयाब रही है। हालांकि इसके लिए फंड की व्यवस्था करना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा। पुरानी पेंशन स्कीम के लिए सरकार को अपने संसाधनों के पैसे की व्यवस्था करनी होगी। दरअसल नए वित्त वर्ष 2023-24 में भी मुख्यमंत्री के सामने वही पुराना आर्थिक संकट बरकरार है। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपया होने की वजह से प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछली जयराम ठाकुर सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 51,365 करोड़ का बजट पेश किया था। मौजूदा बजट सत्र में 13141 करोड़ का अनुपूरक बजट पास होने के बाद यह बढ़कर 64 हजार करोड़ हो गया है। ऐसे में आगामी वित्त वर्ष के वार्षिक बजट का आकार 60 हजार करोड़ तक हो सकता है।