
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने 16 दिसंबर को प्रदेशभर में लगने जा रही नेशनल लोक अदालत में सभी जिलों से अधिक से अधिक मामले लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने वीडियो कांफ्रेस के जरिये इस सबंध में बैठक ली जिसमें सभी जिलों के जिला न्यायाधीश, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालतों के चेयरमैन, सीजेएम और लेबर कोर्ट के जज शामिल हुए।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) जारी गाईड लाइन के अनुसार सिविल, क्रिमिनल, लैण्ड इम्ीजिशन, सीनियर सिटीजन, फैमिली कोर्ट के लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवा) में लंबितं आमजन के रोजमर्रा से जुड़े हुए मामले, प्रि-लिटिगेशन के मामलों इत्यादि राजीनामा योग्य प्रकरणों को आगामी नेशनल लोक अदालत में निराकृत किया जाएगा। जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि आमजन को इसका अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो सके इसका प्रयास किया जाए।
पिछली नेशनल लोक अदालत 9 सितंबर को रखी गई थी, जिसमें जिला न्यायालयों द्वारा 42082 लंबित मामले निराकृत किये गए थे। उन्होंने लोक अदालतों में समझौता होने से न्यायालयों में मामलों को आने से बचाया जा सकता है। कोर्ट में प्रकरण दर्ज होने के पूर्व ही निराकृत हो जाते है जिससे पक्षकार भी अनावश्यक न्यायालयीन कार्यवाही से बच जाता हैं। जस्टिस भादुड़ी ने सभी जिला न्यायाधीशों से कहा कि समय समय पर बैठक लेकर वे न्यायिक अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन दें।
वीडियो कान्फ्रेस बैठक में उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल ने समस्त न्यायाधीशों से फैमिली कोर्ट के मैटर, धारा 138 एनआई एक्ट के प्रकरण एवं मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरण तथा राजीनामा योग्य सभी प्रकार के सिविल व आपराधिक ऐसे प्रकरण जो 5 या 10 वर्ष से लंबित हैं, को चिन्हांकित करते हुए उनका अधिक से अधिक संख्या में निराकरण लोक अदालत के माध्यम से करने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि कैलेंडर के अनुसार आगामी नेशनल लोक अदालत 9 दिसंबर को होनी थी, किन्तु छत्तीसगढ़ राज्य में विधान सभा की चुनाव होने के कारण इसे आगे बढ़ाया गया।
अवगत हो कि नेशनल लोक अदालत सभी स्तरों के न्यायालयों में आयोजित किये जाते हैं, जिसमें उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय, फैमिली कोर्ट, उपभोक्ता फोरम, ट्रिब्यूनल के साथ साथ राजस्व के न्यायालयों में भी आयोजित किये जाते हैं, तथा लोक अदालत की नोटिस जारी करने एवं नोटिस की तामिली लोक अदालत तिथि के पहले पूरी की जाती है, जिसमें भी प्रशासन एवं पुलिस विभाग की अहम भूमिका रहती है।