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स्वास्थ्य विभाग :- बीएमएसआईसीएल ने स्वास्थ्य केंद्र बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। चयनित एजेंसी को तीन-चार माह में निर्माण (प्री फैब्रिकेटेड) पूरा कर लेना है। अधिकारियों के अनुसार राज्य में अभी 10,268 केंद्र हैं। हरेक विधानसभा में 5-5 केंद्र बनाने का प्रस्ताव विधायकों से मांगा गया था। इसके बाद 1205 की मंजूरी दी गई। अभी इसमें से 800 का स्थायी संरचना वाला निर्माण कार्य चल रहा है। इसी कड़ी में विभाग ने तय किया कि हरेक विधायकों से सात-सात और विधान पार्षदों से पांच-पांच केंद्र बनाने का प्रस्ताव लिया जाए। विभाग को उम्मीद थी कि 2000 से अधिक प्रस्ताव आएंगे। लेकिन 17 सौ ही प्रस्ताव मिले। इसी में से सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद 1293 केंद्र बनाने की मंजूरी दी गई। केंद्र बनाने के लिए लोगों से मिले दान की जमीन, सरकारी या गैर मजरुआ जमीन का उपयोग किया गया है। स्वास्थ्य केंद्रों में हरेक की लागत 42.84 लाख है। कुल 553 करोड़ 92 लाख 12 हजार खर्च होने का अनुमान है। टेंडर जारी होने के बाद जल्द एजेंसी का चयन होगा। केंद्र ने पांच हजार की आबादी पर एक केंद्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने का निर्णय लिया है। इस हिसाब से बिहार में 20 हजार से अधिक केंद्र होने चाहिए। लेकिन, राज्य सरकार का मानना है कि राजस्थान में पांच हजार की आबादी कई किलोमीटर की दूरी पर होती है। बिहार के कई गांव ऐसे हैं जहां एक गांव में ही पांच हजार लोग रहते हैं। इसलिए उस मानक पर बिहार को रखना उचित नहीं। बिहार में अभी जितने केंद्र हो जाएंगे, उसमें लोग कम समय में ही स्वास्थ्य केंद्र पर आ जाया करेंगे।