
हार्मोंस असंतुलन की समस्या महिलाओं को ज्यादा परेशान करती है। जिसकी वजह से उन्हें थायरॉइड, अनियमित पीरियड्स, वजन का बढ़ना, स्किन में खुजली, एंजायटी, डिप्रेशन, एनर्जी में कमी महसूस होती है। हार्मोंस एक तरह के केमिकल होते हैं जो ग्रंथियों से निकलते हैं और खून में शामिल हो जाते हैं। जिससे शरीर के काफी सारे काम ठीक से होते हैं। जब इन हार्मोंस में गड़बड़ी पैदा होती है तो अलग-अलग बीमारियों के रूप में नजर आता है। इन हार्मोंस में गड़बड़ी अलग-अलग कारणों से होती है। हार्मोंस में होने वाले असंतुलन को सुबह की इन 6 आदतों की मदद से ठीक किया जा सकता है।
सुबह धूप में बैठना
सुबह उठने के बाद धूप में बैठना हार्मोंस बैलेंस करने का बेस्ट फार्मूला है। सूरज की किरणें हार्मोंस को रेगुलेट करने में अहम रोल निभाती हैं। साथ ही इससे नींद का पैटर्न भी सही होता है। खासतौर पर मेलाटोनिन हार्मोंस के प्रोडक्शन और बॉडी क्लॉक के सही रहने के लिए धूप में बैठना जरूरी होता है। इसके साथ ही सुबह की धूप विटामिन डी का भी रिच सोर्स है। जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है।
स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज
सुबह उठने के साथ ही हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग हार्मोंस को बूस्ट करने में मदद करती है। स्क्वाट्स, पुल-अप्स, पुशअप्स, क्रचेंज आइडियल एक्सरसाइज है। जिन्हें थोड़ी-थोड़ी देर में करें। जितनी ज्यादा एक्सरसाइज करेंगी उतना ज्यादा हार्मोंस रिलीज होगा। अगर शुरुआती एक्सरसाइज से हार्मोंस में बैलेंस नहीं दिख रहा है तो इसे लगातार और ज्यादा मात्रा में करें। हार्मोंस संतुलित होने लगेगा।
चाय-कॉफी से ना करें दिन शुरु
अगर सुबह उठते ही चाय या कॉफी से दिन शुरू कर रही हैं तो फौरन इस आदत को बदल दें। सुबह खाली पेट चाय पीने से डाइजेशन पर फर्क पड़ता है। डॉक्टर्स का कहना है कि ज्यादा कैफीन पीने से कार्टिसोल हार्मोंन का प्रोडक्शन ज्यादा होने लगता है। जो कि बॉडी में सूजन पैदा कर सकता है। साथ ही हार्मोंस के इंबैलेंस की समस्या पैदा करता है।
प्रोटीन ब्रेकफास्ट करें
सुबह उठने के आधे-एक घंटे के अंदर अगर प्रोटीन से भरपूर ब्रेकफास्ट कर लेते हैं तो ये हार्मोंस को रेगुलेट करने का बेस्ट तरीका है। प्रोटीन से भरपूर ब्रेकफास्ट इंसुलिन, कार्टिसोल को बैलेंस करता है। जिससे एनर्जी पूरे दिन बनी रहती है और ऑयआपका फोकस पूरे दिन काम पर रहता है। हेल्दी ब्रेकफास्ट केवल हार्मोंस को ही सही नहीं रखता बल्कि इससे मेटाबॉलिज्म भी सही रहता है।
ऑयल पुलिंग
हर दिन ऑयल पुलिंग यानी तेल से कुल्ला करने की आदत हार्मोंस को बैलेंस करने में मदद करती है। दादी-नानी के नुस्खे के मुताबिक ऑयल पुलिंग करने से पीरियड्स रेगुलर रहते हैं जो कि पूरी तरह से हार्मोंस से जुड़े हुए हैं। और प्री मेंस्ट्रुएल सिंड्रोम की समस्या सही होती है।
हरी घास पर चलना
सुबह के वक्त ताजी हरी घास के मैदान पर चलना केवल फिजिकल ही नहीं मानसिक रूप से भी रिलैक्स महसूस कराता है। इससे कार्टिसोल हार्मोंस का नॉर्मल प्रोडक्शन होता है और ब्लड शुगर रेगुलेट होता है। यही नहीं सुबह नंगे पाव घास पर चलना मेटाबॉलिज्म सही करने के साथ ही शरीर में सूजन कम करने और याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है।