
रायपुर. छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर बनाई गई राजनीतिक कमेटी इन दिनों बिहार दौरे पर है। तीन दिन के दौरे के बाद टीम रविवार को रायपुर लौटेगी। दौरे के पहले दिन बिहार के आबकारी विभाग के अफसरों से बैठक करने के बाद टीम के सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर शराबबंदी के बाद के हालातों की जानकारी ली। इसके अलावा टीम बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह,बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह और कांग्रेस विधान पार्षदों से भी मिली।
उनसे भी शराबबंदी के पहले और बाद की स्थिति के बारे में जानकारी ली गई। अगले दो दिन टीम गया, वैशाली और नालंदा के भी दौरे करेगी। विधायक सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि बिहार में शराबबंदी तो की गई है लेकिन शराब वहां आसानी से उपलब्ध भी है। इसी का अध्ययन किया जा रहा है कि यदि शराबबंदी की गई तो फिर शराब उपलब्ध कैसे है। उसकी सप्लाई चेन और अवैध तरीके से शराब बिक्री के तरीकों के बारे में भी जानकारी ली जा रही है ताकि इसे रोका जा सके। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के पहले के हालात, बंदी के कानून, पुलिस-प्रशासन द्वारा इसे लागू कराने में सहभागिता तथा इससे पैदा होने वाली दिक्कतों से लेकर लोगों पर हो रहे असर की जानकारी जुटाई जा रही है।
इन राज्यों में लागू है शराबबंदी
- बिहार में 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया गया।
- 1960 में देश का पहला राज्य बना गुजरात जहां शराबबंदी की गई।
- गुजरात के अलावा मिजोरम, नागालैंड और लक्षद्वीप में शराबबंदी कानून लागू है।
- मणिपुर में भी 1991 से शराबबंदी लागू है लेकिन लगातार मौतों को देखते हुए वहां ढील दे दी गई है।
- हरियाणा और आंध्रप्रदेश में भी बंदी लागू की गई थी, लेकिन राजस्व घाटे के कारण इसे हटा दिया गया।
इन बिंदुओं पर बनेगी रिपोर्ट
- शराबबंदी के पहले की स्थिति
- शराबबंदी का कैसा कानून है
- सरकारी खजाने पर पड़ा असर
- आम लोगों के जीवनस्तर में आया सुधार
- कानून को लागू करने में क्या दिक्कतें है।
गांवों में भी जाकर करेंगे बात
बताया गया है कि शराबबंदी से जुड़े हर पक्ष का बारीकी से अध्ययन किया जाएगा। इस दौरान वे ऐसे गांवों में भी जाकर लोगों से बात करेंगे जहां शराबबंदी के बाद कुछ बदलाव आया हो या स्थिति पहले जैसी ही हो। ऐसे तमाम बिंदुओं का अध्ययन करने के बाद ही रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
फिर मिजोरम जाएगी टीम
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि अध्ययन टीम बिहार के लिए रवाना हो चुकी है। इसके बाद टीम मिजोरम जाएगी। राज्यों का दौरा पूरा करने बाद टीम रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। रिपोर्ट का अध्ययन कर निष्कर्ष लिया जाएगा, इसके बाद अंतिम फैसला राज्य सरकार लेगी।
तीन कमेटियां गठित हैं
शराबबंदी के लिए तीन समितियों का गठन किया है। एक समिति शराबबंदी वाले राज्यों का अध्ययन करेगी। दूसरी सामाजिक संगठनों की है तथा तीसरी में राज्य के प्रमुख दलों के विधायक हैं।