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हमास के आतंकी हमले के बाद इजरायल का पलटवार जारी है। इस क्रम में अब इजरायल एक ऐसा हथियार इस्तेमाल कर रहा है, जिसकी चपेट में आने के बाद इंसान की खाल और कपड़े तक जल जाते हैं। इतना ही नहीं, इस खतरनाक केमिकल का असर ऐसा होता है कि गर्मी हड्डियों तक में महसूस होती है। सोशल मीडिया पर विभिन्न तस्वीरों और वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है इजरायल गाजा पट्टी पर व्हाइट फॉस्फोरस की बारिश कर रहा है। गौरतलब है कि गाजा पट्टी दुनिया की सघनतम आबादी वाली जगहों में से एक है। यहां करीब 362 स्क्वॉयर किमी की जगह में दो मिलियन से ज्यादा लोग रहने को विवश हैं।
आखिर क्या है सफेद फॉस्फोरस
सफेद फास्फोरस एक मोम जैसा, पीलापन लिए हुए क्लियर केमिकल है। इसमें लहसुन जैसी तीखी गंध होती है। यह एक अत्यधिक दहनशील रसायन है जो हवा के संपर्क में आने पर बहुत तेजी से आग पकड़ लेता है। इसका इस्तेमाल अमेरिका सहित दुनिया भर की सेनाओं द्वारा किया जाता है। इसके जरिए रात में टारगेट को रोशनी करके देखना और दुश्मनों को नुकसान पहुंचाने का काम किया जाता है। सफेद फॉस्फोरस जलने के बाद बहुत ज्यादा गर्मी पैदा करता है, जो कई बार 815 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाती है। इसमें से धुएं की मोटी परत भी निकलती है।
इतना है खतरनाक
सफेद फास्फोरस जमीन पर तेजी से चलने वाली और खतरनाक आग की वजह बन सकता है। एक बार जलने के बाद यह बहुत घातक हो जाता है। यह न सिर्फ त्वचा बल्कि कपड़ों तक पर चिपक जाता है। आम नागरिकों के लिए भी यह बेहद खतरनाक है। इससे काफी गंभीर जलन होती है और टिश्यूज के अलावा, हड्डी के अंदर तक असर पहुंचाता है। कई बार तो इलाज के बाद भी यह फिर से जल उठता है।
यूएन ने लगा रखा है बैन
सफेद फॉस्फोरस को यूनाइटेड नेशंस ने बैन कर रखा है। 1972 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें आग लगाने वाले हथियारों को आतंकी हथियारों की श्रेणी में रखा गया था। 1980 में, दुनिया कुछ हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने या सीमित करने के लिए सहमत हुई जो नागरिकों को बहुत अधिक दर्द या नुकसान पहुंचाते हैं। इस समझौते का प्रोटोकॉल III उन हथियारों के उपयोग को प्रतिबंधित करता है जो चीजों को आग लगाते हैं।