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केंद्रीय रिजर्व बैंक ने घरेलू एलपीजी सिलेंडर (LPG) की कीमतों में 300 रुपये तक की कटौती की है। इस कटौती का असर आने वाले दिनों में दिखने वाला है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रसोई गैस सिलेंडर के दाम घटने से निकट भविष्य में महंगाई में नरमी आएगी। सब्जियों की कीमत कम होने से भी महंगाई में नरमी आने की उम्मीद की जा रही है। बता दें कि सरकार ने अगस्त के आखिरी हफ्ते में सिलेंडर के दाम 200 रुपये घटा दिए थे। इसके बाद हाल ही में उज्जवला के तहत मिलने वाली सब्सिडी को अतिरिक्त 100 रुपये बढ़ाया है।
क्या कहा शक्तिकांत दास ने :- रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा, ”सब्जियों खासकर टमाटर के दाम में कमी और रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में कटौती से निकट भविष्य में महंगाई के नरम होने की उम्मीद है। हालांकि, भविष्य में मुद्रास्फीति की स्थिति कई कारणों पर निर्भर करेगी।” शक्तिकांत दास ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के चालू तिमाही में घटकर छह प्रतिशत से नीचे और अगली तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रेपो रेट में बदलाव नहीं :- आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को लगातार चौथी बार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। खुदरा मुद्रास्फीति के अब भी लक्ष्य से ऊंचा रहने के बीच केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने साथ ही महंगाई को लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए जरूरी होने पर बॉन्ड बिक्री के जरिये बैंकों से अतिरिक्त नकदी निकालने की भी बात कही।
खुदरा महंगाई के अनुमान :- रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मुद्रास्फीति में तेजी के बावजूद चालू वित्त वर्ष के लिये खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त महीने में सालाना आधार पर नरम होकर 6.83 प्रतिशत रही, जो जुलाई में 15 माह के उच्चस्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। महंगाई का यह आंकड़ा आरबीआई के मुद्रास्फीति के चार प्रतिशत के लक्ष्य से अधिक है। हालांकि, अच्छी बात मुख्य (कोर) मुद्रास्फीति में नरमी है और यह पांच प्रतिशत के नीचे है। खुदरा मुद्रास्फीति में से अगर खाद्य और ईंधन की महंगाई हटा दिया जाता है, तो वह मुख्य मुद्रास्फीति कहलाती है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि महंगाई को काबू में लाने के लिये जरूरी होने पर आरबीआई बैंकों से अतिरिक्त नकदी निकालने को बॉन्ड बिक्री पर विचार कर सकता है। उन्होंने कहा कि बॉन्ड बिक्री का समय और मात्रा उभरती नकदी स्थिति पर निर्भर करेगी। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।