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रायपुर। छत्तीसगढ़ में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए चल रही छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक प्रतियोगिता का 10 सितंबर से संभाग स्तर में प्रवेश हो गया है। संभाग स्तर में यह प्रतियोगिता 20 सितंबर तक चलेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल एवं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल के मार्गदर्शन में चल रही छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक को इस वर्ष भी अभूतपूर्व लोकप्रियता मिल रही है। छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक में युवाओं के साथ ही बूढ़े, बच्चें एवं महिलाएं भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लंबी कूद, 100 मीटर दौड़ एवं कुश्ती के खेल में 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करने की घोषणा की है। यह प्रावधान इसी सत्र से लागू होगा। संभाग स्तरीय प्रतियोगिता के समापन के पश्चात अंतिम चरण में राज्य स्तरीय छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का आयोजन राजधानी रायपुर में 25 सितंबर से 27 सितंबर तक होगा। गौरतलब है कि छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक में राज्य के 16 पारंपरिक खेल प्रतियोगिताएं दलीय व एकल श्रेणी में आयोजित की जा रही है। दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती शामिल हैं।