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कांकेर। छत्तीसगढ़ की महिलाओं के पवित्र त्यौहार कमर छठ पर हर वर्ष से अधिक महंगाई की मार है। इस त्यौहार में उपयोग की जाने वाली खाद्य वस्तुओं के दाम 3 से 4 गुना कर दिए गए हैं,फिर भी त्योहार की मजबूरी लोगों को बाजार जाकर अथवा घर बैठे सप्लाई करने वालों से मुंह मांगे दाम पर खरीदने को बाध्य कर रही है। त्योहार के 1 दिन पूर्व ही कीमतें सुनकर लोगों के होश उड़ रहे हैं। दूध 120 से 150 रुपए प्रति लीटर, भैंस का घी 1600 से 1800 प्रति किलो, पसहर चावल प्रति किलो डेढ़ सौ से दो सौ तक बिक रहा है। आज यह हाल है तो कल त्यौहार की सुबह को न जाने दाम कौन से आसमान पर पहुंचेंगे? इसमें भी तुर्रा यह है कि पसहर चावल कई लोग डुप्लीकेट बेच रहे हैं और लोग उन्हें ओरिजिनल का दाम दे रहे हैं। घी तो आज की तारीख में असली कहीं मिलने वाला नहीं है, जो मिल रहा है वह भैंस के घी के नाम पर ठगा ठगी वाला आइटम दिखाई देता है। विक्रेताओं से जब पूछा जाता है कि इतनी महंगाई आप लोगों ने क्यों बढ़ा दी हैं ,तो तड़ाक से जवाब मिलता है कि बड़े-बड़े पेट वाले सेठ तो साल भर कमाते हैं,लूटते हैं ,उन्हें कोई कुछ नहीं कहता, हम लोग एक दिन थोड़ा सा कमा लेते हैं, तो हमसे आप लोग नाराज़ हो जाते हैं। सारे कांकेर शहर में आज दिन भर से त्योहारी लूट जारी है और सब तरफ इसी की चर्चा भी जारी है,फिर भी मजबूरी में त्यौहार की तैयारी है।