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ओणम :- बता दें कि वर्ष 2023 में ओणम की शुरुआत रविवार, 20 अगस्त से हो गई थी, ओणम का पर्व गुरुवार, 31 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन मलयाली समाजवासी भगवान श्रीहरि विष्णु की आराधना के साथ-साथ राजा बलि का स्वागत भी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार ओणम का पर्व दानवीर असुर बलि के सम्मान में मनाया जाता है, राजा बलि वहीं हैं, जिसने श्रीहरि विष्णु के अवतार भगवान वामन को तीन पग भूमि दान में दी थी। और श्री वामन अवतार विष्णु जी ने उन्हें अमरता का वरदान देकर पाताल लोक का राजा बना दिया था।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार ओणम का पर्व दानवीर असुर बलि के सम्मान में मनाया जाता है, राजा बलि वहीं हैं, जिसने श्रीहरि विष्णु के अवतार भगवान वामन को तीन पग भूमि दान में दी थी। और श्री वामन अवतार विष्णु जी ने उन्हें अमरता का वरदान देकर पाताल लोक का राजा बना दिया था।
धार्मिक मान्यता के अनुसार ओणम का पर्व दानवीर असुर बलि के सम्मान में मनाया जाता है, राजा बलि वहीं हैं, जिसने श्रीहरि विष्णु के अवतार भगवान वामन को तीन पग भूमि दान में दी थी। और श्री वामन अवतार विष्णु जी ने उन्हें अमरता का वरदान देकर पाताल लोक का राजा बना दिया था। अत: राजधानी महाबलीपुरम के राजा बलि के स्वागत में ही यह पर्व मनाया जाता है।&
बता दें कि वर्ष 2023 में ओणम की शुरुआत रविवार, 20 अगस्त से हो गई थी, ओणम का पर्व गुरुवार, 29 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन मलयाली समाजवासी भगवान श्रीहरि विष्णु की आराधना के साथ-साथ राजा बलि का स्वागत भी करते हैं। ज्ञात हो कि 2023 में, ओणम यानी थिरुवोणम पर्व की मुख्य तिथि 29 अगस्त होगी। तथा रविवार, 20 अगस्त से शुरू हुआ 10 दिवसीय ओणम उत्सव 31 अगस्त तक चलेगा।
• ओणम पर्व फसल और उसकी उपज के लिए मनाया जाने वाला त्योहार हैं।
• घरों में आकर्षक साज-सज्जा की जाती है।
• फूलों की रंगोलियां बनाकर राजा बलि के स्वागत किया जाता है।
• ओणम पर्व पर कई तरह के पकवान बनाकर भोग अर्पित किया जाता है।
• इस दिन दीपक जलाने की भी परंपरा हैं।
• इन दिन घर के आंगन में फूलों की रंगोली ‘ओणमपुक्कलम’बनाई जाती हैं।
• ओणम पर साद्य, खीर आऊप्रथमन, चावल, नारियल के दूध व गुड़ से बने व्यंजन, पायसम, केले का हलवा, नारियल चटनी, चावल के आटे को भाप में पका कर कई तरह की सब्जियां मिलाकर अवियल, सांभर आदि के साथ 64 प्रकार के पकवान बनाने की परंपरा है।
• केरल के पारंपरिक भोज ओनसद्या को केले के पत्ते पर परोसा जाता है।
• दीये की रोशनी के साथ फूलों की रंगोली को सजाया जाता है।
• इस दिन गले मिलकर शुभकामनाएं देने और साथ मिलकर पर्व मनाया जाता है।
• ओणम पर्व के दिन घर के आंगन में राजा महाबलि की मिट्टी से बनी त्रिकोणात्मक मूर्ति को कलाकृतियां से सजाया जाता है, तथा ओणम की समाप्ति पर यानी राजा बलि के चले के बाद उन्हें हटाया जाता हैं।